कोंकणा हर किरदार में फिट

कोंकणा हर किरदार में फिट

बंगाल ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को कई प्रतिभाशाली नायिकाएं दी हैं। कोंकणा समय-समय पर आई हुई इन खेपों से इसलिए अलग हैं क्योंकि उन्होंने उस तरह की फिल्में की हैं जैसी फिल्में ऑफर होने पर नायिकाएं अपने करियर को खत्म मानना शुरू कर देती हैं। आज से 32 बरस की हो गई कोंकणा सेन शर्मा की शुरूआत बंगाली फिल्मों से हुई इसके बाद उनकी कुछ अंग्रेजी भाषा की फिल्में भी आईं।

हिंदी फिल्म के दर्शकों ने कोंकणा को पहली बार पेज थ्री फिल्म से नोटिस किया। मधुर भंडारकर की इस फिल्म की नायिका एक तरह से कोंकणा ही थीं। पत्रकार की उनकी भूमिका दर्शकों को भी रास आई और इंडस्टी को भी। कोंकणा के साथ खासियत यह रही कि उन्होंने हर फिल्म में अलग तरह के किरदार चुने।

विशाल भारद्वाज की फिल्म ओमकारा में उन्होंने पश्चिम उत्तर प्रदेश की बोली इतनी सहजता से बोली है कि लगता है कि उनका जीवन मेरठ या बुलंदशहर की गलियों में ही बीता है। स़ाडी पहनने और लोकगीत गाने का अंदाज में फिल्म में उम्दा रहा है। फिल्म में स्टार कोई भी हो कोंकणा का किरदार हमेशा ही दर्शकों का ध्यान खींचता रहा है।

लाइफ इन मेट्रो फिल्म की श्रूति बोस और लक बाय चांस की सोना मिश्रा फिल्म इंडस्ट्री के ऎसे कालजयी किरदार है जिनकी चमक समय की धूल भी नहीं कम कर सकेगी। लागा चुनरी में दाग और दिल कबड्डी जैसी फिल्मों में कोंकणा की भूमिका लगभग नायिका जैसी रही।

नायिका और पटकथा लेखिका अर्पणा सेन की बेटी कोंकणा ने 2007 में फिल्म कलाकार रणवीर शौरी से शादी कर ली है। 2011 में कोंकणा एक बच्चे की मां भी बन गई हैं। एक बार फिर से वह 2013 में दर्शकों को कई फिल्मों में दिखेंगी। जाहिर है अलग-अलग किरदारों के साथ। फिल्मों में उन्होंने दिखाया कि स्टार मटेरियल जैसा चेहरा-मोहरा न होने के बावजूद वह हिंदी फिल्मों की नायिका लग सकती हैं बशर्ते स्क्रिप्ट वैसे ही गढ़ी जाए।

वेकअप सिड और अतिथि तुब कम जाओगे जैसी फिल्मों से कोंकणा ने इस बात का एहसास कराया कि उनके अभिनय की रेंज कितनी लंबी है। मिर्च और फैशन जैसी फिल्मों में भी कोंकणा ने अjभुत अभिनय क्षमता दिखाई है।