जन्माष्टमी से पहले जान लीजिए नियम, ना करें बिल्कुल भी गलतियां

जन्माष्टमी से पहले जान लीजिए नियम, ना करें बिल्कुल भी गलतियां

जन्माष्टमी व्रत के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। इस दिन व्रत रखने वाले को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण की पूजा करनी चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इस दिन अन्न नहीं खाना चाहिए और दिन में नहीं सोना चाहिए। व्रत रखने वाले को शांत और संयमित रहना चाहिए और वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए। रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म होने पर पूजा करनी चाहिए और व्रत का पारण करना चाहिए। इस दिन दान या गौ सेवा करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। इन नियमों का पालन करके आप जन्माष्टमी व्रत का पूर्ण फल प्राप्त कर सकते हैं।

सुबह जल्दी उठना और स्नान करना
जन्माष्टमी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठना और स्नान करना बहुत जरूरी है। इससे शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं और पूजा के लिए तैयार होते हैं। स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए जो पूजा के लिए उपयुक्त हों। इससे भगवान कृष्ण की पूजा में मन लगा रहता है और व्रत का उद्देश्य पूरा होता है।

भगवान श्री कृष्ण की पूजा करना

जन्माष्टमी व्रत के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा करनी चाहिए और उन्हें फल, फूल और मिष्ठान चढ़ाने चाहिए। पूजा के दौरान भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करना चाहिए और उनकी भक्ति में लीन रहना चाहिए। इससे भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और व्रत का फल मिलता है।

व्रत का संकल्प लेना
जन्माष्टमी व्रत के दिन व्रत का संकल्प लेना जरूरी है। संकल्प लेने से व्रत का उद्देश्य स्पष्ट होता है और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। संकल्प लेते समय भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए और उन्हें अपनी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक देना चाहिए। इससे व्रत का फल मिलता है और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।

अन्न नहीं खाना
जन्माष्टमी व्रत के दिन अन्न नहीं खाना चाहिए। इससे शरीर और मन शुद्ध रहते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा में मन लगा रहता है। अन्न नहीं खाने से व्रत का उद्देश्य पूरा होता है और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। व्रत के दौरान फल और मिष्ठान खा सकते हैं जो भगवान कृष्ण को चढ़ाए गए हों।

रात 12 बजे पारण करना
जन्माष्टमी व्रत के दिन रात 12 बजे पारण करना चाहिए। रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म होता है और इस समय पूजा करनी चाहिए और व्रत का पारण करना चाहिए। पारण करने से व्रत का फल मिलता है और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। पारण के दौरान दान या गौ सेवा करना भी बहुत अच्छा माना जाता है।

दान या गौ सेवा करना
जन्माष्टमी व्रत के दिन दान या गौ सेवा करना बहुत अच्छा माना जाता है। दान या गौ सेवा करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और व्रत का फल मिलता है। दान या गौ सेवा करने से समाज में भी पुण्य मिलता है और भगवान कृष्ण की भक्ति में वृद्धि होती है। इससे व्रत का उद्देश्य पूरा होता है और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।

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