किचन का चॉपिंग बोर्ड सेहत को पहुंचा सकता है नुकसान, प्लास्टिक और लकड़ी वाले से रहे दूर

किचन का चॉपिंग बोर्ड सेहत को पहुंचा सकता है नुकसान, प्लास्टिक और लकड़ी वाले से रहे दूर

किचन में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक और लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। प्लास्टिक के चॉपिंग बोर्ड में अक्सर बीपीए और फ्थालेट्स जैसे हानिकारक रसायन होते हैं, जो भोजन में मिलकर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। कभी भी आपको सब्जियों को काटने के लिए इस तरह के बोर्ड का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए। यह प्लास्टिक और लकड़ी के होते हैं जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं।

प्लास्टिक बोर्ड में हानिकारक रसायन
प्लास्टिक के चॉपिंग बोर्ड में अक्सर बीपी और फ्थालेट्स जैसे हानिकारक रसायन होते हैं। ये रसायन भोजन में मिलकर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। बीपीए हार्मोनल असंतुलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जबकि फ्थालेट्स प्रजनन और विकास संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। जब प्लास्टिक बोर्ड पर गर्म या एसिडिक खाद्य पदार्थ रखे जाते हैं, तो इन रसायनों के भोजन में मिलने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, प्लास्टिक बोर्ड का उपयोग करने से पहले उसकी गुणवत्ता और सुरक्षा की जांच करना महत्वपूर्ण है। सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले प्लास्टिक बोर्ड का चयन करने से इन समस्याओं को कम किया जा सकता है।

बैक्टीरिया और कीटाणुओं की वृद्धि
प्लास्टिक और लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड पर गहरे कट और खांचे बनने से बैक्टीरिया और कीटाणुओं की वृद्धि हो सकती है। जब बोर्ड पर कच्चा मांस, मछली या पोल्ट्री काटा जाता है, तो उसमें मौजूद बैक्टीरिया जैसे कि साल्मोनेला, ई. कोलाई और कैम्पिलोबैक्टर बोर्ड पर रह सकते हैं। अगर बोर्ड को ठीक से साफ नहीं किया जाता है, तो ये बैक्टीरिया अन्य खाद्य पदार्थों में फैल सकते हैं और खाद्य विषाक्तता का कारण बन सकते हैं। इसलिए, चॉपिंग बोर्ड की नियमित और गहन सफाई बहुत महत्वपूर्ण है। बोर्ड को गर्म पानी और डिटर्जेंट से धोना और फिर उसे अच्छी तरह से सुखाना आवश्यक है।

लकड़ी के बोर्ड में नमी और फंगस
लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड में नमी होने पर उसमें बैक्टीरिया और फंगस की वृद्धि हो सकती है। अगर लकड़ी के बोर्ड को ठीक से साफ और सूखा नहीं रखा जाता है, तो उसमें नमी जमा हो सकती है जो बैक्टीरिया और फंगस के विकास के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती है। लकड़ी के बोर्ड में फंगस की वृद्धि से खाद्य पदार्थों में विषाक्त पदार्थ मिल सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए, लकड़ी के बोर्ड को नियमित रूप से साफ और सुखाना आवश्यक है। बोर्ड को साफ करने के बाद उसे अच्छी तरह से सुखाना और फिर उसे सुरक्षित स्थान पर रखना महत्वपूर्ण है।

दाग और रंगीन खाद्य पदार्थों का प्रभाव
लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड में तेल और रंगीन खाद्य पदार्थों के दाग लग सकते हैं। ये दाग न केवल बोर्ड की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं। रंगीन खाद्य पदार्थों में मौजूद रंग और तेल बोर्ड में जमा हो सकते हैं और अन्य खाद्य पदार्थों में मिल सकते हैं। इससे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। इसलिए, लकड़ी के बोर्ड पर रंगीन और तैलीय खाद्य पदार्थों का उपयोग सीमित करना और नियमित रूप से बोर्ड की सफाई करना आवश्यक है। इससे बोर्ड की गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा बनी रहती है।

सुरक्षित विकल्पों का चयन
इन समस्याओं से बचने के लिए बांस या नायलॉन जैसे सुरक्षित और टिकाऊ सामग्री से बने चॉपिंग बोर्ड का उपयोग करना बेहतर हो सकता है। बांस के बोर्ड प्राकृतिक और एंटीबैक्टीरियल होते हैं, जबकि नायलॉन के बोर्ड टिकाऊ और आसानी से साफ होने वाले होते हैं। इन बोर्डों को साफ करना आसान होता है और ये बैक्टीरिया की वृद्धि को कम करते हैं। सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले चॉपिंग बोर्ड का चयन करके खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है। नियमित रूप से बोर्ड की सफाई और रखरखाव भी महत्वपूर्ण है ताकि खाद्य पदार्थों की सुरक्षा बनी रहे।

नियमित सफाई और रखरखाव
चॉपिंग बोर्ड की नियमित सफाई और रखरखाव भी बहुत महत्वपूर्ण है। बोर्ड को हर उपयोग के बाद गर्म पानी और डिटर्जेंट से धोना और फिर उसे अच्छी तरह से सुखाना आवश्यक है। इससे बैक्टीरिया और कीटाणुओं की वृद्धि को रोका जा सकता है और खाद्य सुरक्षा बनी रहती है। नियमित सफाई और रखरखाव से बोर्ड की गुणवत्ता भी बनी रहती है और उसकी लंबी उम्र सुनिश्चित होती है। सुरक्षित और स्वच्छ चॉपिंग बोर्ड का उपयोग करके स्वास्थ्य जोखिमों को कम किया जा सकता है और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

#क्या सचमुच लगती है नजर !