महिलाएं भी रखें अपनी हेल्थ का ध्यान
बचाव- संतुलित और पौष्टिक आहार लें। आयरनयुक्त खाद्यपदाथों जैसे, हरी पत्तेदार सब्जियों, फलों औरअन्य खाद्यपदाथों जैसे, रैड मीट, चुकंदर, आंवला, गाजर, सेब, अनार, खजूर, मंूगफली, गुड और सूखे मेवे का सेवन करें। फौलिक ऎसिड की मात्रा बढाने के लिए कुटू का आटा, जौ, गोभी, मशरूम,ब्रोकली और शहद खाएं। डॉक्टर की सलाह पर आयरन और फौलिक ऎसिड की गोलियां लें। साल में एक बार हीमोग्लोबिन चैक करवाएं। युरिन लीक होना-इस बीमारी से पीडित स्त्री का हंसते, खांसते, छींकते या ऎक्सरसाइज करते समय युरिन लीक हो जाता है। यह समस्या अकसर बच्चो के जन्म के बाद युरिनरी ब्लैडर को सपोर्ट करने वाली पैल्विक फ्लोर मसल्स के ढीले पडने के कारण शुरू हो जाती है। बचाव-आमतौर पर डिलीवरी के 6 महीने के भीतर यह समस्या अपनेआप ठीक हो जाती है, क्योंकि जब तक पैल्विक फ्लोर मसल्स फिर से टाइट हो जाती हैं। तब भी यह समस्या ठीक ना हो तो कीगल ऎक्सरसाइज मददगर साबित हो सकती है। इस से योनि की मसल की टोनिंग होती है। तीखा व मसालेदार खाना, चाय, कॉफी, चॉकलेट एवं ऎसिडिक फ्रूट व डेरी प्रोडक्ट्स से परहेज करें।