करवा चौथ : आखिर चांद को छलनी से क्यों देखती है महिलाएं

करवा चौथ : आखिर चांद को छलनी से क्यों देखती है महिलाएं

छलनी को लेकर एक और पौराणिक कथा...
छलनी को लेकर एक और पौराणिक कथा के मुताबिक एक साहूकार के सात लडक़े और एक बेटी थे। बेटी ने अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। रात के समय जब सभी भाई भोजन करने लगे तो उन्होंने अपनी बहन को भी खाने के लिए आंमत्रित किया। लेकिन बहन ने कहा, ‘भाई! अभी चांद नहीं निकला है, उसके निकलने पर अर्घ्‍य देकर भोजन करूंगी।’

बहन की इस बात को सुन भाइयों ने बहन को खाना खिलाने की योजना बनाई। भाइयों दूर कहीं एक दिया रखा और बहन के पास छलनी ले जाकर उसे प्रकाश दिखाते हुए कहा कि, बहन। चांद निकल आया है। अर्घ्‍य देकर भोजन कर लो। इस प्रकार छल से उसका व्रत भंग हुआ और पति बहुत बीमार हुआ। ऐसा छल किसी और शादीशुदा महिला के साथ ना हो इसीलिए छलनी में ही दिया रख चांद को देखने की प्रथा शुरू हुई।

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