शादी के बाद नववधू का सफर...
सकारात्मक सोच रखें विवाह दो दिलों का ही नहीं, दो परिवारों का रिश्ता है, इसलिए सकारात्मक सोच के साथ ससुराल में प्रवेश करें। शादी में शुरूआती सालों में नववधू को ससुराल में एडजस्ट करने में थोडी-बहुत परेशानियां तो होती हैं लेकिन नया घर और वहां के लोगों को समझने में थोडा टाइम तो लगता ही है। ऎसे में सकारात्मक सोच ही नववूध को रिश्तों को जोडने में मदद करेगी।