Happy marriage anniversary जानिये:शाहरूख और गौरी की दिलचस्प प्रेम कहानी के बारे में
शाहरूख और गोरी की प्रेमकहानी-:
दिलवाले शाहरूख की
दुल्हानियां गौरी छिब्बर एक पंजीबी हिन्दू थी, इसलिए गौरी के माता-पिता इस
शादी के खिलाफ थे। अपने प्यार को पाने के लिए शाहरूख को बहुत ही जद्दोजहद
करनी पडी, पहली मुलाकात के बाद शाहरूख हर उस पार्टी, फंक्शन में पहुंच जाते
थे, जहां उन्हें गौरी के पहुंचने की उम्मीद होती थी। शाहरूख खान गौरी से
तीसरी मुलाकात तब हुई जब उन्होनें उनके घर का फोन नंबर मालूम कर लिया।
शाहरूख गौरी के प्यार में पूरी तरह पागल हो चुके थे, उन्हें अब गौरी का
किसी से बात करना भी पसंद नहीं था। शाहरूख उन्हें दूसरों से बात करने से
लेकर बाल खोलने तक को मना करते थे। गौरी उनके ऐसे अजीबो-गरीब व्यवहार से
बहुत परेशान होकर गौरी उन्हें दिल्ली छोडकर उन्हें बिना बताए मुंबई चली गई
थी, जाने के बाद शाहरूख को जैसे ही पता चला वो उन्हें ढूंढने मुंबई चले गए,
उन्हें गौरी के घर का पता भी नहीं मालूम था, लेकिन फिर भी वो उन्हें पूरी
मुंबई में पागलों की तरह ढूंढने लगे, शाहरूख को गौरी के बारे में एक बात
बहुत अच्छे से पता कि उन्हें समंदर बहुत पसंद है तो फिर क्या था एक दिन शाम
को समंदर के पास चले गये और कहते हैं सच्चा प्यार आपको मिल ही जाता है। बस
फिर क्या था समंदर के किनारे उन्होंने गौरी को ढूंढ निकाला, गौरी शाहरूख
को अचानक देखकर रोने लगी। तब दोनों ने शादी करने का फैसला लिया। और आखिकार
लगभग 6 साल के लंबे वक्त के बाद लव रिलेशन के बाद 25 अक्टूबर 1991 को
शाहरूख और गौरी शादी के पवित्र बंधन में बंध ही गये।