अमृतसर जहां अमृत बरसता है
स्वर्ण मंदिर से लगभग 600 मी. की दुरी पर स्थित यह बाग भारत की आजादी के इतिहास का साक्षी है। 13 अप्रैल को 1919 को बैशाखी के त्यौहार के दिन जल्लियां वाला बाग में लोग बैशाखी मानते भारतीयों पर जनलर डायर ने गोलिया चला दी थी। इस काण्ड में हजारों मोर गए व हजारों जख्मी हुए जिसके बाद असहयोग आंदोलन की शुरूआत हुई।