इश्क का खुमार या सेक्स फीवर

इश्क का खुमार या सेक्स फीवर

सैक्स की चाह- कच्चाी उम्र में किसी विशष परिवेश में उत्तेजित होकर और महज उत्सुकतावश की गई शुरूआत भी आगे चल कर इस हसीन अनुभव को पेशे में बदल देती है। जिन लडकियो को इन क्रियाओ में मजा आने लगता है, वे स्वयं ही इस गलती को आदत में बदल देती हैं चाहे जो भी हो, कामपिपासा की अधिकता, हर समय सैक्स की चाह सैक्स एडिक्ट की दशा ही दर्शाती है, जिसे हम मनोरोग मान बैठते हैं। अधिकांश मामलों में बचपन में सैक्स के बारे में गलत जानकारी मनमस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डाल जाती है। दूष्त माहौल में रहना, बडे शहरों में एक ही कमरे मे अनेक स्त्री-पुरूषों का एकसाथ सोना, सैक्स क्रिया में रत किसी जोडे को देख लेने के बाद स्वयं भी सैैक्सरत होने की इच्छा पालना आदि सैक्स कुंठाओं को बढा देता है।