सर्दियों के दिनों में इन स्थानों पर प्रकृति अपनी बाहें फैलाकर करती है स्वागत
मावलिननाँग गांव, मेघालय
मेघालय
का यह आदिवासी गांव शिलांग से करीब 90 किमी दक्षिण में है। 2003 में,
स्थानीय समुदाय और सरकार के पर्यावरण-पर्यटन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के
प्रयासों के कारण मावलिननाँग को एशिया के सबसे स्वच्छ गांव का पुरस्कार
दिया गया था। गाँव के प्रमुख आकर्षणों में से एक लिविंग रूट्स ब्रिज है,
जिसे आसपास के पेड़ों की जड़ों से बनाया गया था और कहा जाता है कि यह 1,000
साल से अधिक पुराना है।
जिस तरह कश्मीर के बारे में कहा जाता
है कि धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो वह बस यहीं है, उसी तरह मेघालय में एक
ऐसा गांव है जिसके बारे में कहा जाता है कि वह गॉड्स ओन गार्डन यानी भगवान
का अपना बगीचा है। आखिर ऐसा क्या है इस गांव में और क्या है इसका नाम कि
दुनियाभर के लोगों के बीच यह आकर्षण का केंद्र है?
यहां बात हो रही
है मावलिननांग नाम के गांव की। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय का यह
गांव दरअसल अपनी बेजोड़ स्वच्छता के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। इस
गांव को एशिया का सबसे साफ सुथरे गांव का दर्जा मिला हुआ है। इस गांव को
देख आप भी हैरत में रह जाएंगे और लगेगा कि यकीनन यह पृथ्वी पर किसी अजूबे
से कम नहीं है। जहां स्वच्छता होती है भगवान भी वहीं विराजते हैं और शायद
इसी वजह से इस गांव को भगवान का अपना बगीचा के नाम से प्रसिद्धि मिली हुई
है।
इस गांव की खूबसूरती को निहारने के लिए आप बाकायदा टूर पैकेज
बुक करा सकते हैं या फिर दोस्तों के साथ प्लान बनाकर एक कैजुअल ट्रिप प्लान
कर सकते हैं। इस गांव में काफी सारी चीजें देखने लायक हैं। लिविंग रूट
ब्रिज को यूनेस्को का विश्व धरोहल स्थल घोषित किया जा चुका है। नदी के ऊपर
लटकते ये पुल रबर के पेड़ों से लटकती जड़ों से बने हैं जोकि दूसरे पेड़ की
जड़ों से जुड़े हैं।
यहां का वॉटरफॉल भी बेजोड़ है, जहां आप दोस्तों
के साथ एक छोटा-सा पिकनिक भी प्लान कर सकते हैं। यह वॉटरफॉल गांव के नाम
यानी मावलिननांग के नाम से ही मशहूर है। गांव का लैंडमार्क है एपिफपनी का
चर्च, जोकि 100 साल पुराना है, लेकिन आज भी इसका चार्म और खूबसूरती वैसी की
वैसी ही है।
कैसे पहुंचा जाये
मावलिननॉन्ग का निकटतम हवाई अड्डा शिलांग है। सडक़ मार्ग से, शिलांग से कैब और टैक्सी भी उपलब्ध हैं।