सर्दियों के दिनों में इन स्थानों पर प्रकृति अपनी बाहें फैलाकर करती है स्वागत

सर्दियों के दिनों में इन स्थानों पर प्रकृति अपनी बाहें फैलाकर करती है स्वागत

—राजेश कुमार भगताणी

रोजमर्रा की भागदौड़ वाली जिन्दगी में आदमी अपने लिए सुकून देने वाले क्षणों को पूरी तरह से भूल चुका है। वो चाहकर भी अपने लिए इन पलों को नहीं संजो पाता है, हालांकि कभी-कभी वह सोचता है कि इस भागदौड़ वाली जिन्दगी को छोडक़र वह कुछ दिनों के लिए कहीं ऐसी जगह पर जाए जहाँ पर शोरगुल वाले ट्रैफिक सिग्नल, मेट्रो ट्रेन के सामने कतार में लगे लोगों के झुंड उसे दिखाई न दें। ऐसे में वह उन स्थानों को खोजने लगता है जहाँ प्रकृति अपनी बॉहें फैलाकर उसका स्वागत करने को तैयार हो। ऐसे में हम आज अपने  पाठकों को देश के कुछ ऐसे चुनिंदा स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें जानने के बाद आप इन स्थानों पर जाने को लालायित हो जाएंगे।

आइए डालते हैं एक नजर उन स्थानों पर...

खिमसर गांव, राजस्थान
रेत के टीलों के बीच बसा राजस्थान का खिमसर गांव दुखती आंखों का इलाज है। खिमसर राज्य में एक छिपा हुआ रत्न हो सकता है जो उन लोगों के लिए एक आदर्श अवकाश स्थान है जो आराम करना चाहते हैं। डेजर्ट सफारी, सूर्यास्त देखने और नागौर महोत्सव का दौरा करने के साथ-साथ खिमसर स्टारगेजिंग जैसा अनूठा अनुभव प्रदान करता है। खिमसर किला, पंचला ब्लैक बक रिजर्व और नागौर किला, कुछ ऐसे स्थान हैं जहां आप आस-पास रहते हुए घूम सकते हैं।

कैसे पहुंचा जाये
खिमसर जोधपुर से 100 किमी उत्तर में है। आप जोधपुर हवाई अड्डे से बस ले सकते हैं।

कैनाकरी गांव, अलप्पुझा, केरल
कुट्टनाड में स्थित कैनाकरी गांव केरल के एक छोटे से हॉलैंड जैसा है। यात्रा के दीवाने लोगों के आनंद लेने के लिए नाव की सवारी से लेकर नारियल का रस पीने तक कई गतिविधियाँ हैं। गाँव आपको पुरानी यादों का एहसास देता है क्योंकि यह आपको बचपन की यादों में वापस ले जाता है जहाँ आप पेड़ों से आम तोड़ते हैं और उन्हें इमली और मिर्च के साथ खाते हैं। अधिकांश लोगों का मानना है कि कैनकारी सुरम्य वॉलपेपर का एक फ्रेम है।

कैसे पहुंचा जाये
निकटतम रेलवे स्टेशन अलप्पुझा में है। अलप्पुझा से कैनाकरी के लिए बस की सवारी करें।

#गोरापन पल भर में...अब आपके हाथों में