इन तरीके से बढ़ा सकते हैं बच्चों की रचनात्मकता और आत्मविश्वास
हर माँ-बाप का सपना होता है कि उसका बच्चा तरक्की करते हुए अपना व अपने
खानदान का नाम रोशन करे। बच्चा तरक्की करे इसके लिए इसकी शुरूआत माँ-बाप को
बच्चे के बचपन से ही करनी शुरू कर देनी चाहिए। विकसित होते बच्चों का
दिमाग तेजी से काम करता है ऐसे में आप उनमें क्रिएटिव और कॉन्फिडेंट होने
की आदत विकसित कर सकते हैं। यह माता-पिता का दायित्व होता है कि अपने
बच्चों को प्रोत्साहित करें और उनमें आगे बढऩे का जज्बा पैदा करें। ऐसे में
आपको कुछ तरीके आजमाने की जरूरत है जिनकी मदद से आप अपने बच्चों को बचपन
से ही रचनात्मक और आत्मविश्वासी बना सकते हैं।
आइए डालते हैं एक नजर उन तरीकों पर जिनको आजमाते हुए आप अपने बच्चे में आत्मविश्वास और रचनात्मकता पैदा कर सकते हैं...
उसके काम के बारे में पूछें
यदि
आपका बच्चा कोई अच्छा काम कर रहा है तो आपको उसके कापम की तारीफ करनी
चाहिए। साथ ही उससे इस बात की जानकारी भी लेनी चाहिए कि उसने यह काम किस
तरह से किया। इस काम करने का विचार उसके मन में कैसे आया। जैसे- मान लीजिए
आपके बच्चे ने एक ड्राइंग बनाई, तो आप उससे पूछ सकते हैं कि इसे उसने क्यों
बनाया, कौन सा हिस्सा बनाना उसके लिए कठिन था, वो आगे क्या बनाना चाहता
है, उसे किसी तरह की मदद की जरूरत तो नहीं आदि।
विस्तार से बात करें
जब भी बच्चा कोई अच्छा काम करे, तो आपको
सिर्फ 1-2 शब्द नहीं बोलना है, बल्कि थोड़ा विस्तार से उस बारे में बात
करनी है। इससे बच्चे को लगता है कि आप उसके काम में रुचि ले रहे हैं। जैसे
मान लीजिए आपके बच्चे ने स्कूल में पहली बार कोई प्रतियोगिता जीती है, तो
आप उसे इस प्रतियोगिता की तैयारियों, इसकी चुनौतियों, प्रतिभागियों आदि के
बारे में पूछ सकते हैं। इस तरह की बातें बताने में आमतौर पर बच्चे को अच्छा
भी लगता है और वो प्रोत्साहित भी होता है।
सफलता की नहीं, प्रयास की तारीफ करें
मां-बाप
का फर्ज यह नहीं कि वो सिर्फ सफलता मिलने पर ही बच्चे की तारीफ करें,
बल्कि यह है कि वो बच्चे के प्रयास की तारीफ करें। हमेशा ध्यान रखें कि
सफलता की नहीं, प्रयास की तारीफ की जानी चाहिए। इसलिए अगर आपका बच्चा स्कूल
में फट्र्स आता है या उसे अच्छे ग्रेड मिलते हैं, तो आपको उसे समझाना
चाहिए कि आप उसके फट्र्स आने से नहीं, बल्कि उसके सही दिशा में मेहनत करने
से खुश हैं। इसी तरह अन्य मामलों में भी आपको हमेशा उसके प्रयास की तारीफ
करनी चाहिए।
खुशी का अहसास दिलाने वाली बातें कहें
बच्चे
अगर कुछ अच्छा करते हैं और आप उनकी तरीफ करते हैं, तो उन्हें अच्छा तो
लगता ही है। इसके अलावा आप बच्चों की खुशी का अहसास दिलाने वाली बातें बोल
सकते हैं, जिससे उन्हें बहुत प्रोत्साहन मिलता है। जैसे आप अच्छे नंबर लाने
पर आप बच्चे से बोल सकते हैं कि उसने बहुत अच्छा किया है। उसे कैसा महसूस
हो रहा है। उसने ऐसा अकेले कैसे किया या फिर उसकी सफलता में किन दोस्तों ने
साथ निभाया, आदि बातें पूछें।
बताएं कि उसके काम का परिणाम क्या होगा
तारीफ
करने के साथ-साथ बच्चे को उसके काम का परिणाम या प्रभाव भी बताएं। कुल
मिलाकर बच्चे को ये समझाएं कि जो भी उसने किया है, उससे दूसरे लोग कैसे
प्रभावित हुए हैं। इससे भी एक तरह की सकारात्मकता आती है कि जब बच्चे को
अहसास होता है कि उसका अच्छा काम दूसरों के लिए भी फायदेमंद है।
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