मोहर्रम का महत्व
इसी दुलदुल को प्रतीक स्वरूप बनाया जाता है। ये मिट्टी और बांस के बने होते हैं। परी जैसी दिखने वाली घोडेनुमा बुराक भी कई शहरों में ताजियों के रूप में बनाई जाती है। बुराक उस ख्याली सवारी को कहते हैं जिस पर सवार होकर हजरत मोहम्मद ने आसमानों की सैर की थी।