मकर संक्रांति का महत्व
हिन्दू संस्कृति में ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए मकर संक्रांति के मौके पर लोग मंदिरों में पूजा अर्चना और दान पुण्य करते हैं। देखा जाए तो भारत में मनाए जाने वाले पर्वों में मकर संक्रांति ही एक ऐसा पर्व है, जिसे कैलेंडर के हिसाब से मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाते हैं और शनि देव मकर संक्रांति के स्वामी है, इसलिए इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इसी शुभ दिन गंगा जी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुृनि के आश्रम से होकर सागर में उनसे जा मिली थीं। महाभारत काल के महान योद्धा भीष्म पितामह ने भी अपनी देह त्यागने के लिए मकर संक्रांति का ही चयन किया था। मकर संक्रांति के दिन से शरद ऋतु क्षीण होनी प्रारम्भ हो जाती है। बसंत के आगमन से स्वास्थ्य का विकास होना प्रारम्भ हो जाता है।