जानिये:ईदमिलादुन्नबी का महत्व

जानिये:ईदमिलादुन्नबी का महत्व

इस्लामिक कैलेंड के मुताबिक उनका जन्म रबीउल अव्वल महीने की 12वीं तारीख को हुआ था। हालांकि पैगम्बर मुहम्मद का जन्मदिन इस्लाम के इतिहास में सबसे अहम दिन है। फिर भी न तो पैगम्बर साहब ने और न ही उनकी अलगी पीढी ने इस दिन को मनाया। दरअसल, वे सादगी पसंद थे। उन्होंने कभी इस बात पर जो नहीं दिया कि किसी की पैदाइश पर जश्न जैसा माहौल हो या फिर किसी के इंतकाल पर मातम मनाया जाए। यह संयोग है कि उनकी आमद इस्लामी हिजरी सन के रबी उल महीने की 12 तारीख को हुई थी और उन्होंने 12 तारीख को ही दुनिया से पर्दा लिया था। उन्होंने बताया कि बारह वफात उनके रूखसती का दिवस है और 12 रबी उल अव्वल उत्सव का दिन है, इसलिए बारह वफात नहीं मना कर ईद मीलादुन्नबी मनाई जाती है। ईद मीलादुन्नबी पर हर जगह जुलूस निकालने की परंपरा है।

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