आलता लगाने का महत्व
सोलह श्रंगार में मेंहदी व आलते का काफी महत्व है, खासतौर पर शादीशुदा महिलाओं के इसे लगाने के पीछे तो और भी रोमांचक तथ्य मौजूद हैं। आलता ठंडक तो पहुंचती ही हैं, आलता लाल रंग का एक तरल पर्दाथ होता है जिसे महिलाएं अपने हाथ और पैरों यानी के एडियों पर लगाती हैं। आलता से महिलाओं के पैर अभी अधिक सुंदर लगते है इसे सुहाग की निशानी भी माना जाता है। इस रस्म के पीछे हमारे पूर्वजों की मान्यता है कि यत्र नारी पुज्यन्ते तत्र रमन्ते देवता मतलब जहां नारी को सम्मान दिया जाता है उसकी पूजा की जाती है वहां देवताओं की निवास होता है। इसी तरह से इस रस्म के पीछे भी ऐसी मान्यता छिपी है कि नई दुल्हन को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है।