
नींद न आने से हैं परेशान तो घर पर ये तरीके आजमाने से होगी शिकायत दूर
नई दिल्ली । दिनभर थकान के बाद भी रात को नींद न आना, बार-बार नींद टूटना
और सुबह उठते ही चिड़चिड़ापन, ये लक्षण निद्रा विकार के हैं। आयुर्वेद इनसे
निजात पाने के लिए कुछ आसान उपाय सुझाता है।
निद्रा विकार से आज
के समय में न जाने कितने लोग परेशान हैं। आयुर्वेद के अनुसार अनिद्रा
(निद्रा विकार) का मुख्य कारण बढ़ा हुआ वात दोष, कमजोर पाचन अग्नि और
मानसिक तनाव है। वहीं साइंस कहता है कि मोबाइल की नीली रोशनी, अनियमित
दिनचर्या और तनाव मिलकर मेलाटोनिन हॉर्मोन को कम कर देते हैं, जो अनिद्रा
की वजह बनते हैं।
आयुर्वेद में बताया गया है कि सोने से पहले सिर्फ
छोटे-छोटे काम करके गहरी और सुकून भरी नींद ली जा सकती है। ये उपाय
आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों से प्रमाणित हैं। सोने से कम से कम 1
घंटे पहले मन को पूरी तरह शांत करें। फोन, टीवी, लैपटॉप दूर रख दें। 4-5
मिनट गहरी और धीमी सांस लें। अगर दिनभर की चिंताएं दिमाग में घूम रही हैं
तो एक कागज पर लिखकर उसे साइड कर दें। इससे मन हल्का होता है और नींद जल्दी
आती है।
आयुर्वेद कहता है शांत मन ही अच्छी नींद का पहला द्वार है। पैरों
की हल्की मालिश या गुनगुना पानी पीएं। रात को सोने से पहले देसी घी, तिल
के तेल या नारियल तेल से पैरों के तलुओं की 5-7 मिनट मालिश करें। इससे नसें
शांत होती हैं। अगर मालिश नहीं करना चाहते हैं तो सिर्फ एक गिलास हल्का
गुनगुना पानी पी लें। यह पाचन को शांत कर शरीर को रिलैक्स मोड में लाता है।
रात
में सोने से पहले कुछ गर्म पेय लेना फायदेमंद होता है। सोने से 30-40 मिनट
पहले हल्का गर्म हल्दी वाला दूध, अश्वगंधा या ब्राह्मी वाला दूध,
तुलसी-अदरक की हर्बल टी। यह पेय तनाव कम करते हैं और शरीर को गहरी नींद के
लिए तैयार करते हैं।
इसके अतिरिक्त सोने वाले कमरे में हल्की रोशनी
रखें। तापमान मौसम के हिसाब से नियंत्रित रखें। सोने से पहले लैवेंडर या
चंदन की हल्की खुशबू का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
आयुर्वेद के सुझाए इन
उपायों को नियमित रूप से अपनाने से नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है।
सुबह ताजगी और दिनभर एनर्जी बनी रहती है। हालांकि अगर अनिद्रा लंबे समय से
है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
--आईएएनएस
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