आलिंगन जब जताना हो रोमांस...

आलिंगन जब जताना हो रोमांस...

अपने प्रिय को आलिंग में समेटना यह व्यक्त करना होता है कि तुम जैसे भी हो हर हाल में मुझे स्वीकार हो। यह एक तरह की अभिव्यक्ति ही तो है, जिसमें हम अपने साथी के वजूद को अपने भीतर समेट लेना चाहते हैं। बांहों में भरना ही आलिंगन कहलाता है और प्यार की शुरूआत ही निकट आने के बाद स्पर्श और फिर आलिंगन से होती है।