पति-पत्नी की खट्टी-मीठी शिकायते

पति-पत्नी की खट्टी-मीठी शिकायते

पत्नी की शिकायतें ऑफिस जानेवाले पतियों को मोजे, घडी, रूमाल जैसी चीजों के लिए भी पत्नी की मदद चाहिए।
अपने माता-पिता के आदर्श बेटे ये कहलाते हैं। पर शादी के बाद इनको फर्ज इतना रह जाता है कि पत्नी से पूछते रहें- अम्मा-बाबूजी ने खाना खा लिया! उन्हें दवा दे दी, डॉक्टर से बात कर ली, उनका चश्मा ठीक करवा दिया आदि-आदि। ऑफिस में काम ये करें, जी हुजूरी हम बजाएं, जरा मेरी डायरी से एक नंबर देना, जरा अमुक फाइल से फलां एडे्रस देना और अगर फोन उठाने में देर हो गई, तो कहां गई थी, किसके साथ बिजी थी, जैसे हजार सवाल।
घर आते ही पति महोदय टीवी का रिमोट हाथ में ले लेते हैं और पत्नी को भी बडे प्यार से पास बैठा लेते हैं। अब ये चैनल बदलते रहेंगे और आप इनको चेहरा देखती रहिए। जिस मिनट आपने कुछ देखना शुरू किया कि प्रोग्राम को बकवास कहकर चैनल बदल दिया जाएगा।