ट्विटर से ‘सोशल जेट लैग’ का खतरा

ट्विटर से ‘सोशल जेट लैग’ का खतरा

न्यूयार्क। लोगों के सोशल मीडिया के उपयोग से काफी अधिक ‘सोशल जेट लैग’ होती है और उनकी जैविक घड़ी बिगड़ जाती है। लोग सोशल मीडिया पर अपने दैनिक कार्यक्रमों और स्कूल के कार्यक्रमों का वर्णन करते हैं। यह खुलासा ट्विटर पर लोगों की गतिविधियों का अध्ययन करने के बाद हुआ।

‘सोशल जेट लैग’ एक ऐसी बीमारी है जो हमारे शरीर की आंतरिक गतिविधियों और हमारे दैनिक कार्यक्रमों के अंतर से संबंधित है। यह पहले से ही स्वास्थ्य समस्या से जुड़ा है।

‘ट्विटर सोशल जेट लैग’ की तीव्रता मौसम और भौतिक आधार पर तय होती है। इसका संबंध हमारे आने-जाने के औसम कार्यक्रमों से है।

शिकागो विश्वविद्यालय के मिशेल रस्ट ने कहा, ‘‘जब हम देखते हैं कि कैसे सोशल जेट लैग साल भर बदलता है तो हमें पता चलता है कि अब तक जिन कार्यक्रमों की अधिकता होती है वह हमारा सामाजिक कैलेंडर बन जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अनुसार, आधुनिक समाज के मानवों में एक जैविक लय होती है जो कहीं ना कहीं साल भर में सूरज की रोशनी के अनुसार बदलती रहती है।’’

शोधकर्ताओं ने इससे पहले ‘सोशल जेट लैग’ को साप्ताहिक दिनों और सप्ताहांत में जागने और सोने के समय और विशेष गतिविधियों के अनुसार मांपा था।

जर्नल ‘करंट बायोलॉजी’ में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, टीम ने 2012-13 के दौरान अमेरिका के 1,500 से ज्यादा जिलों के सामान्य ट्विटर आंकड़ों का अध्ययन किया।
(आईएएनएस)

#क्या देखा अपने: दिव्यांका त्रिपाठी का ये नया अदांज