कैसे बनाएं नववर्ष को यादगार
मनोरंजन ना बने मनोभंजन
मनोभंजन ना बन जाए। आनंद की अंधी खोज कहीं गमों के अंधेरे में खोने को मजबूर ना कर दे।
एक
कहावत है कि नया नौ दिन पुराना सौ दिन। कहावत भले ही पुरानी है, किन्तु
शब्दों की सार्थकता आप भी उतनी ही है जितनी इस कहावत के जन्म के समय थी।
सचाई मापने के लिए हम किसी भी मामले को ले सकते हैं, फिर चाहे वह वस्तुओं
की उपयोगिता हो या गुणों की गुणवत्ता, प्राय: मजबूत आधार को ही स्थान
प्राप्त हुआ है। नवीनता अपनेआप में एक उत्साह व उमंग जगाती है। निश्चय ही
यह प्रगति का पैमाना भी है। यह उदास मन को प्रसन्न करने की एक प्रेरणा भी
है। नवीन उपायों की खोज ने ही हमें सुविधायुक्त आधुनिक जीवन दिया हैप नया
करने की चाह ही नया संसार बनाती है। नई सोच, नए विचार हमें परिपक्व और
साहसी बनाते हैं। नया तरीका, नई संस्कृति, नया रूप एक नई जीवनशैली बनाते
हैं।