बालों के झड़ने की समस्या से कैसे निपटें
नई दिल्ली। आज से लगभग दो दशक पहले भी स्थिति ऐसी थी, जहां गंजेपन या बालों
के अत्यधिक झड़ने की समस्या से संबंधित ट्रीटमेंट कराने वालों में 90
प्रतिशत पुरुष ही थे, लेकिन वर्तमान समय में गंजेपन या हेयर लॉस की समस्या
को लेकर डर्मेटोलॉजिस्ट या त्वचा रोग विशेषज्ञों के पास जाने वालों में 60
प्रतिशत सिर्फ महिलाएं हैं। इसके लिए कई सारी चीजें जिम्मेदार हो सकती हैं,
लेकिन सीमित कैलोरी वाले आहार, निरंतर डायटिंग, तनाव, कलरिंग, ब्लोड्राय
और स्ट्रेटनिंग जैसे केमिकल व हीट-बेस्ड हेयर ट्रीटमेंट्स इस समस्या की
मुख्य वजहें हैं। गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में
त्वचा विज्ञान विभाग के वरिष्ठ कंसल्टेंट डॉ. सचिन धवन ने जीवनशैली से
संबंधित इन समस्याओं के बारे में बात की।
महिलाओं में हेयर लॉस के दो मुख्य पैटर्न हैं-
फीमेल पैटर्न हेयर लॉस : इस मामले में बाल कम या थोड़ा अधिक मात्रा में झड़ते हैं, लेकिन धीरे-धीरे इसमें बाल पतले होने लगते हैं।
टेलोजन एफ्लुवियम : इसमें बाल अचानक से बहुत ज्यादा झड़ने लगते हैं, इस स्थिति में प्रति दिन के हिसाब से सौ बाल गिरते हैं।
बालों
के गिरने या कमजोर होने का मुख्य कारक 1800 कैलोरी से नीचे की डायट है।
इसके अलावा डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टायफाइड जैसी बीमारियां भी बालों
के स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा प्रभावित करती हैं। इसके साथ ही आयरन, विटामिन
बी12, विटामिन डी और फेरिटिन का कम होना भी बालों के गिरने के लिए
जिम्मेदार है।
पीसीओएस (पॉलिसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम) और एंड्रोजन
(पुरूष हार्मोन) की अधिक मात्रा जैसी हार्मोन्स की असामान्य स्थिति का भी
नकारात्मक प्रभाव बालों पर पड़ता है, इसलिए इनकी जांच कराई जानी चाहिए।
बालों के झड़ने से महिलाएं मानसिक तौर पर काफी ज्यादा प्रभावित होती हैं,
ऐसे में इनसे दूर रहने या छुटकारा पाने के लिए अपने खान-पान में जिंक,
आयरन, बायोटिन, अमीनो एसिड जैसे पोषक तत्वों को जरूर शामिल करें। (आईएएनएस)