कैसे करें स्वाइन फ्लू के खतरे से बचाव

कैसे करें स्वाइन फ्लू के खतरे से बचाव

प्रसव के पहले और बाद
महिला के लिए प्रसव एक तरह से दूसरा जन्म कहा जाता है। आंकडे बताते हैं कि जिन औरतों के मामलों में गर्भावस्था के दौरान सावधानी नहीं बरती जाती, समय पर उन का इलाज नहीं कराया जाता, उन औरतों में प्रसव के दौरान रिस्क बहुत बढ जाता है। इसलिए जरूरत इस बात की है कि सावधानी बरत कर प्रसव को सुखद और सुरक्षित बनाया जाए। गर्भावस्थ के दौरान औरतों के शरी में तमाम तरह के बदलाव होते हैं। अगर समय पर इन बदलावों को डाक्टर से बात कर के सलाह ले लीजाए तो प्रसव के दौरान आने वाली बहुत सारी परेशानियों से बचा जा सकता है।

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