एक मां की सूनी गोद का दर्द
समाज की राय में बच्चा होना, उस पर भी बेटा होना इतना जरूरी है कि उसके
बिना महिला को स्वर्ग नसीब नहीं हो सकता या फिर ऐसा भी कहा जाता है कि
कन्यादान की महादान है, उसके पिता को मोक्ष नहीं मिलता।
गोद लेना आज भी हमारे समाज व परिवारों में स्वीकार्य नहीं है।