वैवाहिक जीवन में प्यार को कैसे वापस लाए
कहा जाता है कि जोडिया स्वर्ग में बनती हैं और धरती पर उन्हें मिलाया जाता
है। नवविवाहित जोडा जब शादी के बंधन में बंधता है तो उसे बस यही चाहत होती
है कि उनके प्यार के बंधन हमेशा यूं ही बरकरार रहे। अगर आप अपने प्रेम को
ताउम्र बनाने की ख्वाहिश रखते हैं, वैवाहिक जीवन में प्यार और उमंगों को
तभी वापस लाया जा सकता है जब तन से मिलने के बजाय मन के मिलन को हासिल किया
जाए। रोमांटिक जीवन के इन नियमों को अपनाने से राहें आसान हो जाती हैं।
अपने
विवाह को कभी अफेयर बनाने की कोशिश न करें। अफेयर छोटे, तीव्र और प्रेम की
अपरिपक्व संबंध में ही संभव है। सुपर वैवाहिक सेक्स इस बात पर निर्भर करता
है कि पूरे वैवाहिक जीवन को रोमांटिक बनाया जाए। प्यार को अलग कर के उसे
आवश्यक वैवाहिक जिम्मेदारी की श्रेणी में न रखा जाए।
वैवाहिक जिंदगी के जिस हिस्से को नजरअंदाज करेंगे वह गायब हो जाएगा विशेषकर
रोमांस । अधिकतर जोडों के बारे में सच यही है कि वे सेक्स संबंध से उतना
ही
आनंद ले पाते हैं जितना उस पर ध्यान देते हैं। सुपर रोमांस इस पर भी
निर्भर
है कि समय के साथ 2 व्यक्तियों के बदच जो कामुक चक्र विकसित होता है, उसे
स्वीकार कर लिया जाए। मसलन, प्रत्येक शनिवार को रोमांस में लिप्त होना
बोरियत की निशानी नहीं है, बल्कि जो साझा कामुक चक्र विकसित हुआ है उस का
लाभ उठाना है। यह चक्र उस समय विकसित होता है जब साथियों में एक-दूसरे से
तालमेल बैठ जाता है।
जीवन में हर चीज चक्र की तहर घूमती है और सुपर रोमांस
नतीजा है इन चक्रों को सीखने का, जागरूक होने का, आपस में कम्यूनिकेट करने
और बदालव लाने का।