इस होली में बना डालिए ये होली स्पेशल रेसिपीज

इस होली में बना डालिए ये होली स्पेशल रेसिपीज

मूंग दाल गुझिया

सामग्री
मैदा - 2 कप (250 ग्राम)
मूंग दाल - 1/2 कप (100 ग्राम) हल्की दरदरी पीस लीजिये।
मावा - क्रम्बल किया 1/2 कप (100 ग्राम)
चीनी - 3/4 कप (125 ग्राम)
सूखा नारियल - 1/2 कप (कद्दूकस किया हुआ)
काजू - 1/4 कप (बारीक कटे हुए)
बादाम - 1/4 कप (बारीक कटे हुए)
इलायची - 1/2 छोटी चम्मच
घी - 1/2 कप मैदा  में डालकर गूथने के लिये और दाल भूनन के लिये
घी - गुझिया तलने के लिए

बनाने की विधि

मैदा को किसी बर्तन में निकाल लीजिये, ¼ कप घी आटे में डाल कर, अच्छी तरह मिलाइये। अब थोडा़-थोडा़ पानी डालते हुए पूरी के जैसा सख्त आटा गूंथ लीजिये। आटे को 20-25 मिनिट के लिए ढककर रख दीजिये।

मूंगदाल की स्टफिंग
पैन में 1/4 कप घी डाल कर हल्का गरम कर लीजिये और पिसी हुई मूंग दाल डाल दीजिये। कलछी से लगातार चलाते हुए मूंग दाल को मिडियम और धीमी आग पर गोल्डन ब्राउन होने तक भूनें। भुनी दाल को किसी प्याले में निकाल कर रख लीजिये। कढ़ाई में मावा डाल कर धीमी आग पर भून लीजिये और दाल में मिला दीजिये। अब इसमें पाउडर चीनी, कद्दूकस किया हुआ नारियल, कटे हुए काजू-बादाम और इलायची पाउडर डालकर सभी चिजों को अच्छे से मिक्स कर लीजिए। मूंगदाल की स्टफिंग तैयार है।

गुझिया बनाइये
आटे को मसल कर चिकना कर दीजिये, और छोटी-छोटी लोइयां तोड़ कर तैयार कर लीजिये, लोइयों को मसल कर, गोल करके, पेड़े जैसा बना लीजिये। लोइयों को ढककर रख लीजिये। एक लोई उठाइये और गोल पूरी एक जैसी 3-4 इंच के व्यास में बेलिये, बेली हुई पूरी को उठाइये, पूरी को सांचे के ऊपर रखिये, 2 चम्मच मिश्रण पूरी के ऊपर डालिये, किनारों पर उंगली के सहारे से पानी लगाइये। सांचे को बन्द कीजिये, दबाइये, गुजिया से अतिरिक्त बाहर निकली हुई पूरी हटा दीजिये। सांचे को खोलिये, गुझिया निकाल कर थाली में रख दीजिए और इसी तरह से सारी गुझिया बना कर तैयार कर लीजिए।

गुझिया तलिये

कढ़ाई में घी डालकर गरम कीजिये, घी हल्का गरम होने के बाद जितनी गुझिया घी में आ जाएं उतनी डाल दीजिये, और धीमी गैस पर, गुझिया को पलट-पलट कर दोनो और से गोल्डन ब्राउन होने तक तल लीजिये, तली हूई गुझिया प्लेट पर नैपकिन बिछा कर उसमें रख लीजिये, सारी गुजिया इसी तरह तल कर तैयार कर लीजिये। गरमा गरम मूंगदाल की गुझिया बनकर तैयार है।
गुझिया को पूरी तरह ठंडी होने के बाद कन्टेनर में भर कर रख लीजिये और 10-12 दिनों तक खाते रहिये।

नोट

मूंगदाल और मावा को लगातार चलाते हुए भूनना है। ध्यान रखें की स्टफिंग जलने न पाए।
गुझिया भरते समय पूरा ध्यान से भरिये, गुझिया फटनी नहीं चाहिये, गलती से अगर कोई गुजिया फट जाए तो उसे अलग रख लीजिये।


-> क्या सचमुच लगती है नजर !