पालक खाने से नहीं पडेंगे बीमार
पालक यदि शारीरिक परिश्रम करने वालों को शक्ति प्रदान करता है तो मानसिक श्रम करने वालों के लिए भी अमृत तुुल्य है। पालक में पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा होने के कारण यह गर्भवती महिलाओं तथा कमजोर व कुपोषण जनित रोगियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके सेवन से कमजोर व्यक्ति पुन: स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर लेता है। ऐसे रोगी जिनका पाचन तंत्र क्षीण है और जो अधिक भारी भोजन का प्रयोग करने में असमर्थ हैं, उन्हें पालक के सेवन से भोजन को पचाने व पाचने तंत्र को शक्ति प्राप्त करने में सहायता मिलती है। इसका रस आमाशय व आंतों या उदर के अनेक रोगों में लाभकारी होता ही है, साथ ही साथ अम्ल-पित्त, अजीर्ण, बवासीर, पेट की वायु, कब्ज आदि रोगों पर कंट्रोल भी रहता है।