तरक्की करनी है तो नो मोर बहाना...
मनोरोग चिकित्सकों का मानना है कि बहाने बनाना एक ऎसी बीमारी है जिस के लिए न तो ट्रीटमेंट की जरूरत है और न ही किसी डाक्टर की, लोग स्वयं ही इस से उबर सकते हैं, बशर्ते कि वे अपनी सोच को बदलें और इस विश्वास को मजबूत करें कि उन्हें सफलता अवश्य मिलेगी। यहीं भरोसा उन्हें सफलता दिलाता है। सकारात्मक सोच से मिलने वाली ऊर्जा इस में मुख्य भूमिका निभाती है।परिणामस्वरूप आत्मविश्वास भी बढता है और आगे की सफलताओं के रास्ते तैयार हो जाते हैं।