जन्मदिन मुबारक हो नंदा खूबसूरती और बेहतरीन अदाकारी बनाई अलग पहचान
‘अमर अकबर एंथोनी, नसीब, धरमवीर, की तरह दर्जनभर सफल और भव्य फिल्में बनाने
वाले मनमोहन देसाई को पत्नी के निधन के बाद उन्हें नंदा से प्यार हो गया
और उन्होंने नंदा से मेलजोल बढाना चाहा, तब नंदा ने साफ कह दिया कि उनकी
रूचियों और स्वभाव में बहुत ही अंतर है, परंतु देसाई का विश्वास था कि
प्रेम के लिए समान रूचियां जरूरी नहीं है। खैर, अतंत: देसाई ने नंदा का मन
जीत ही लिया। इस इंटेंस प्रेमकथाा के पात्र अधेड थे, पर उनके प्रेम में
आवेगा था। 1992 में नंदा ने बॉलीवुड निर्देशक मनमोहन देसाई के साथ सगाई कर
ली और विवाह का फैसला भी उन्होंने किया।
लेकिन वक्त को शायद ये मंजूर ना
था और दो साल बाद मनमोहन देसाई ने छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। वे सफल
समृद्ध व्यक्ति थे और उन्हें सच्चा प्यार भी मिल गया था। लेकिन ये आज तक
रहस्य है कि देसाई ने आत्महत्या किस कारण की।
वहीं मनमोहन देसाई का
निधन के बाद नंदा ने फिल्मों से लगभग अपना नाता ही खत्म कर लिया। नंदा की
आखिरी फिल्म थी प्रेम रोग जिसमें उन्होंने मां का किरदार निभाया था। कहा
जाता है कि नंदा जब भी बाहर जाती थी तो वो सफेद साडी में जाती थीं, क्योंकि
वो मन ही मन मनमोहन देसाई को अपना पति मानती थीं। उनके निधन के बाद से
नंदा काफी अकेली हो गयी थी और उन्होंने ज्यादा किसी से बात करना भी बंद कर
दिया था। लोगों के सामने आने से वो कतराती थी। हिन्दी सिनेमा में उनकी खास
दोस्ती में माला सिंहा और वहीदा रहमान ही थीं।