गोवर्धन पर्वत की अनोखी कथा
गोवर्धन पर्वत को गिरीराज पर्वत भी कहा जाता है। पांच हजार साल पहले यह गोवर्धन पर्वत 30 हजार मीटर ऊंचा हुआ करता था और अब शायद 30 मीटर ही रह गया है। पुलस्त्य ऋषि के शाप के कारण यह पर्वत एक मुटी रोज कम होता जा रहा है। मानसी गंगा के थोडा आगे चलो फिर से शहर की वही मुख्य सडक दिखाई देती है। कुछ समझ में नहीं आता कि गोवर्धन के दोनों ओर सडक है या कि सडक के दोनों और गोवर्धनक् ऎसा लगता है कि सडक, आबादी और शासन की लापरवाही ने खत्म कर दिया है गोवर्धन पर्वत को ।