गोवर्धन पर्वत की अनोखी कथा

गोवर्धन पर्वत की अनोखी कथा

इस पर्वत की स्थिति क्या सचमुच ही पिछले पांच हजार वर्ष से यह स्थ्त ही रोज एक मुnी खत्म हो रहा है या कि शहरी करण और मौसम की मार ने इसे लगभग खत्म कर दिया। आज यह कछुए की पीड जैसा भर रह गया है। हालांकि स्थानीय सरकार ने इसके चारों और तारबंदी कर रखी है फिर भी 21 किलोमीटर के अण्डाकार इस पर्वत को देखने पर ऎसा लगता हैकि मानो बडे-बडे पत्थरों के बीच भूरी मिट्टी और कुछ घास जबरन भर दी गई हो। छोटी-मोटी झाडियां भी दिखाई देती है।