माफ करना सजा देने से बडी बात

माफ करना सजा देने से बडी बात

कहते हैं कि माफ कर देना सजा देने से ज्यादा बडी बात होती है। सजा जहां रिश्ते में दरार लाती है तो माफी से बिगडे रिश्ते भी बन जाते हैं। रिश्तों को और भी मजबूत बनाने के लिए किसी अपने का माफ कर के देखिए। लोगों के दिलों से बैर भाव हटाने के लिए ही इन दिनो सॉरी और फॉरगिव समवन टुडे जैसे डे मनाए जा रहे हैं।
रखिए बडा दिल
किसी ने आपकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई या आपका कोई बहुत बडा नुकसान किया तो सच में उसे माफ कर देना बहुत बडी बात होती है। किसी को माफ कर देना हर किसी के बस की बात नहीं होती। सच में बहुत बडा दिल होना चाहिए। इस दुनिया में यदि कोई सच में किसी को माफ कर सकता है तो वो है पैरेन्ट्स। कोई भी माता-पिता अपने बच्चों की बडी से बडी गलती को बहुत आसानी से माफ कर देते हैं। माफी मांगने के लिए भी कलेजा चाहिए और माफ कर देने के लिए भी। आप भी बनिए बडे दिल वाले।
झुकना भी है जरूरी
अक्सर होता है कि छोटी-छोटी बातों पर कई दोस्तों में बातचीत बंद हो जाया करती है। इन सबसे क्या मिलता है हमारे दोस्त ही हमसे दूर हो जाते हैं। इसके विपरीत यदि हम उन्हें माफ कर देते हैं या अपनी और से एक नन्हा सा लफ्ज सॉरी कह देते हैं तो हमारी दोस्ती बच जाती है। इसीलिए दोस्तों के लिए तो फॉरगिवनेस और सॉरी दोनों ही बहुत जरूरी है।
दूसरों को मिलती है खुशी
जिस प्रकार किसी के मन बात पूरी कर देने से उसे खुशी मिलती है उसी प्रकार यदि किसी से कोई गलती हुई और दिल से उसे पछतावा है तो उसे माफ कर देने से भी हम उसे उतनी की खुशी दे सकते हैं। यहां तक कि माफी मांग लेने से भी दिल को बेहद राहत मिलती है। माफी मांगने वाला और माफ कर देने वाला कभी छोटा नहीं होता।
सॉरी बोलने से प्रॉब्लम खत्म होती है
अक्सर माफ कर देने या माफी मांग लेने से कोई भी बात आगे बढने से बच जाती है। सुखी दांपत्य का तो आधार ही यही है कि जब एक पार्टनर गुस्सा हो तो तमाम एक्सक्यूज और एक्सप्लेनेशन्स को परे रख कर बस सिर्फ यही कहें-आई एम सॉरी, मेरी गलती है। इससे उस वक्त तो पार्टनर कूल होगा ही कहीं ना कहीं उसके मन में यह बात भी रहेगी कि उसका साथी समझदार है झगडे बढाने के बजाय उसे खत्म करने को तरजीह देता है। यही बात रिश्तों की डोर को मजबूत बनाती है।