अपनेआप से भी करें प्यार

अपनेआप से भी करें प्यार

आत्म-आलोचना भी है बुरी
अपनी गलतियों की आत्मस्वीकृति अच्छी आदत है, लेकिन अति आलोचना बुरी है, क्योंकि इसमें व्यक्ति खुद को माफ करना नहीं सीख पाता। अतीत की कई गलतियां या भूलें उसका पीछा नहीं छोडतीं। डर, गलतफहमी, भ्रम, दुख, तनाव, गुस्से और अपराधबोध जैसे नकारात्मक मनोभावों के कारण घटनाओं का सही पक्ष वह नहीं जान पाता, दूसरों को सजा देने के साथ वह खुद को भी सजा देता है। दूसरों को माफ कर सकते हैं तो आप खुद को भी माफ करना सीखते हैं। जरूरी है कि अपने कुछ गुणों की तारीफखुद से करें, ऎसी बातें सोचें जो आपको अपने प्रति सुखद एहसास से भर दें। जैसे-किसी दिन आपने किसी जरूरतमंद की मदद की हो, आपने किसी दुखी व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान ला दी हो..ऎसी कई बातें आपको खुद से प्रेम करना सिखाती हैं। अपना सम्मान करना, अपने स्वाभिमान से प्रेम करना सीखें, तभी दूसरे भी आपका सम्मान करेंगे।