बहते आंसू या बिंदास हसीनाएं जलवा
मीना कुमारी की हर फिल्म उस समय की मजबूर और बेबस भारतीय नारी की आम जीवन की तकलीफों को सजीवता से प्रस्तुत करती है इसलिए दर्शक, विशेषकर महिलाएं खुद को उन के बहुत करीब महसूस करती थीं। उन का अभिनय लोगों के मन को छू जाता था।