बनावटी व्यवहार
लाखों
की भीड-भाड में हमारा सामना ऎसे लोगों से हो जाता है जिनसे हम एक या दो
मिलते तो हैं लेकिन उन्हें पहचानना थोडा कठिन होता हैं। आप के आसपास,
ऑफिस, कॉलोनी में ऎसे लोग जरूर होंगे। ऎसे व्यक्ति अपनी इच्छा, जरूरत व
भावनाओं को साफ तौर पर जाहिर नहीं करते। अगर ऎसा व्यवहार करने वाला व्यक्ति
दफ्तर में मिल जाए, उससे तो फिर भी बचाव किया जा सकता है, लेकिन बनावटी
व्यवहार करने वाला जीवनसाथी मिल जाए तो जिन्दगी जीना कितना कठिन हो जाएगा।
इनकी पहचान
जो व्यक्ति पैसिव अग्रेशन शिकार होते हैं। उनको पहचाने के लिए आपको उनके
व्यवहार और हरकातों पर हमेशा नजर रखें। बचपन जिन बच्चाों को गुस्सा करने पर
माता-पिता से हमेशा डांट-फटकार या मार पडी हो ऎेसे बच्चोे बडे होने पर भी
स्पष्ट रूप से अपना गुस्सा जाहिर नहीं कर पाते। ये अपने गुस्सों को अपने
अंदर ही दबाए रखते हैं। लेकिन जैसे-जैसे ये बडे होने लगते हैं इनका गुस्सा
बढता ही जाता है और ये पैसिव अग्रेशन का रूप धारण कर लेता है। बचपन से ही
गुस्से पर काबू रखने के कारण ऎसे लोग घर या ऑफिस में किसी को ठीक प्रकार
से नहीं कर पाते हैं और अगर किसी दूसरे व्यक्ति ने इन पर उंगली उठा दी, तो
ये उस समय तो कुछ नहीं करते ना ही अपना गुस्सा जाहिर करते हैं। लेकिन
मौका मिलते ही बदला जरूर लेते है।
किसी पर विश्वास ना करना
ऎसे लोगों के दोस्त भी कम होते हैं, क्योंकि इस किस्म के व्यक्ति दूसरों पर
बहुत कम विश्वास करते हैं। लोगों को लेकर इनकी सोच नकारात्मक होती है। ये
अपने जीवन साथी के प्रति भी ईमानदार नहीं होते, उसके लिए भी इनके मन में
हमेशा नकारात्मक विचारधारा हावी रहती है। ये हमेशा कन्फ्यूज रहते है कि
अपने जीवन साथी पर यकीन करें भी के नहीं। ये स्वभाव के बेहद जिद्दी होते
है। यदि इनका साथी इनसे कुछ पूछता है, तो चिडचिडे ढंग से जवाब देते हैं।
इसी गलत व्यवहार की वजह से घर और ऑफिस में इनसे हर कोई दूर रहना पंसद करता
हैं। इस तरह का व्यवहार पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के लिए बहुत खतरनाक
साबित हो सकता हैं।
कमजोर लोगों को दबाना
लोगों की कमियों का ये बहुत जल्दी फायदा उठा लेते है। ये उन्हें हमेशा दबा
के रखना चाहतें हैं, जिससे ये उन पर हावी रह सकें। ऎसे लोगों अपने जीवन
साथी की भी दूसरों के सामने कमियां गिनाना नहीं भूलते, अगर भूल से भी किसी
के लिए कुछ कर देगें तो उसको एहसान जताना तो इनकी आदतों में शामिल है।
मौका मिलते ही जता जरूर देते हैं विशेषज्ञों का कहना है कि इस किस्म के
व्यक्तियों को सामने वाले की जरूरत तो होती है लेकिन यह भावनाएं उस पर जहीर
नहीं करना चाहते है। ये जब किसी काम को पूरा नहीं कर पाते तो अपनी
लापरवाही की जिम्मेदारी दूसरे व्यक्तियों पर थोप देते है। विवाहिक रिश्तों
में अगर कोई समस्या आ जाती है तो ये हर बार दोषी अपने साथी को ही बना देते
हैं साथ ही मनमुटाव या फिर सामंजस्य न बिठा पाने की और इतना ही नहीं ये
हर तरह के जवाबदेही से दूर रहते है ऎसे में साथी को जिम्मेदार ठहराया जाता
हैं।
कैसा होना चाहिए बनावटी लोगों का व्यवहार
1-इनके जीवन साथी को चाहिए, कि वे इनसे बहुत प्यार से बात करें, लेकिन जब
ये आपसे गलत बात पर गुस्सा करें, तो कुछ समय के बाद उन्हें उनकी गलतियों को
जरूर बताएं।
2-समय पर समय आप उन्हें यह जरूर एहसास कराती रहें कि आप को उनकी फिर्क है आप प्यार भी बहुत करती हैं।
3-इस बात का खास ध्यान रखें कि ऎसे व्यक्तियों को अगर किसी ओर के सामने कुछ कहेंगी तो इनकी भावनाओं को बहुत ठेस पहुंचती है।
4-अगर आपको उनसे अपनी कोई बात मनवानी है तो बहुत ही प्यार से काम लें।
5-उनके सामने समस्याओं को बहुत बडी करके न रखें बल्कि अपनी परेशानी ऎसे कहें कि वे उससे आसानी से सुलझा लें।
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