पतिदेव को लगा प्रेम का रोग
दूसरी स्त्री से इश्क का चक्कर चलाने को उत्सुक पति का व्यवहार बदले बिना ही रह सकता। उसके ऊपर मानसिक व भावनामक दबाव बहुत ज्यादा रहता है। वह अपनी पत्नी को धोखा देने की राह पर कदम बढा रहा है। उसे कभी नए रोमांस की उत्तेजना पकडेगी, तो कभी पत्नी को छलने का अपराधबोध। वह इस अफेयर को छिपा कर रखना चाहता है। उसे अपनी बदनामी का डर सताता है।