लाभकारी
है गुलकंद खाना, मिलती है कई बीमारियों से मुक्ति, जानिये लाभ व हानि

लाभकारी है गुलकंद खाना, मिलती है कई बीमारियों से मुक्ति, जानिये लाभ व हानि

गुलकंद का नाम सुनते ही आपके दिमाग में किसी खुशबूदार और मीठे खाद्य पदार्थ का चित्र उभरने लगता होगा। ऐसा होना लाजमी भी है। गुलाब की पंखुड़ियों से बना गुलकंद देखने और खाने में जितना अच्छा लगता है, उतनी ही प्यारी इसकी खुशबू होती है। गुलकंद एक मुरब्बे की तरह दिखता है। इसका प्रयोग खाने में कई प्रकार से किया जाता है। गुलकंद को गुलाब से बनी पंखुड़ियों का मुरब्बा भी कहा जाता है। इसे गुलाब के फूल की ताजी पंखुड़ियों से तैयार करते हैं। इसको बनाते समय स्वाद के लिए इसमें चीनी का इस्तेमाल भी किया जाता है। इसका सेवन ज्यादातर गर्मियों में करते हैं, जिससे शरीर को ठंडक पहुंचाई जा सके। इसके मीठे स्वाद और अच्छी सुगंध की वजह से इसे कई स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों में भी इस्तेमाल किया जाता है।

गुलकंद का शाब्दिक अर्थ है गुल जिसका अर्थ होता है गुलाब और कंद का अर्थ है मीठा। यह ताजा गुलाब की पंखुड़ियों और चीनी से बनी गुलाब की पंखुड़ियों का एक मीठा रूप है। इसे नियमित रूप से सेवन करने पर मिलने वाले लाभों को देखते हुए इसे आयुर्वेद में सबसे अच्छी दवाओं में से एक के रूप में भी जाना जाता है। गुलकंद (गुलाब की पंखुड़ियों से तैयार) को कई भारतीय व्यंजनों में एक स्वादिष्टता के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और इसका कूलिंग इफेक्ट जबरदस्त तरीके से काम करता है। गुलाब का वैज्ञानिक नाम रोजा दमास्केना है और यह रोजेसी परिवार से संबंधित है।


गुलाब की प्रमुख खेती व्यापक रूप से यूरोप, मध्य पूर्व, उत्तरी अमेरिका और एशिया में की जाती है। गुलाब के पौधे अक्सर घरों, पार्कों और बगीचों में उगाए जाते हैं। गुलाब की पंखुड़ियां इत्र, औषधि, खाद्य उद्योग में प्रमुख रूप से उपयोग की जाती हैं और गुलकंद को गुलाब की पंखुड़ियों से ही तैयार किया जाता है।

आज हम अपने खास खबर डॉट कॉम के पाठकों को गुलकंद के सेवन से शरीर को होने वाले लाभों के साथ-साथ नुकसानों की जानकारी भी देने जा रहे हैं। हालांकि गुलकंद का सेवन औसत रूप में शरीर को फायदा ही पहुँचाता है।

गुलकंद के फायदे



गुलकंद से बवासीर का इलाज

गुलकंद की तासीर ठंडी होती है और साथ ही यह पेट को भी साफ़ रखता है। भोजन आसानी से पच जाता है और मल गाढ़ा न होने से रोगी को काफी हद तक आराम मिलता है। गुलकंद पाचन क्रिया को सुधारता है और पाचन क्रिया को सुधारना बवासीर को सही करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। बवासीर में गुलकंद के फायदे अत्यंत प्रभावकारी है। इसका प्रभाव कुछ ही दिनों में देखा जा सकता है। बवासीर में कब्ज़ होने पर परेशानी काफी बढ़ जाती है जो बवासीर की समस्या को और अधिक बढ़ा सकता है इसलिए सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए की बवासीर या कब्ज में गुलकंद कैसे और कितना ले।
—बवासीर में अगर कब्ज है तो सामान्य कब्ज़ में एक बार रात को सोने से पहले। —कब्ज अधिक होने पर दिन में दो बार सुबह-शाम खाने के एक घंटे बाद। —गुलकंद को खाने के एक घंटे बाद खाना चाहिए। इससे पाचन क्रिया अच्छी होती है। —इसे दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है।

शांत रहता है दिमाग

गुलकंद खाने का सीधा असर हमारे दिमाग पर भी पड़ता है। जानकारों के मुताबिक, गुलकंद का सेवन करने से हमारे मस्तिष्क का स्वास्थ्य बना रहता है तथा यह दिमाग को शांत रखता है। इसके साथ ही इसके सेवन से व्यक्ति का गुस्सा भी कम होता है।

आंखों
के लिए

आंखों के लिए भी गुलकंद के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, गुलकंद की तासीर ठंडी होती है। विशेषज्ञों के द्वारा जारी की गई एक शोध रिपोर्ट में बताया गया है कि गुलकंद का सेवन करने से आंखों में होने वाली सूजन और आंखों के लाल होने की समस्या का इलाज किया जा सकता है।

पेट
की गैस के लिए

गैस जैसी समस्या को ठीक करने में भी गुलकंद के फायदे देखे जा सकते हैं। जैसा कि हमने आपको बताया कि गुलकंद को गुलाब की पत्तियों से बनाया जाता है, जो बहुत ही गुणकारी मानी जाती हैं। माना जाता है कि गुलाब का इस्तेमाल पाचन तंत्र को सुधारने और कब्ज जैसी समस्या को ठीक करने के लिए किया जा सकता है, जिसका फायदा पेट की गैस से निजात पाने में भी देखा जा सकता है, क्योंकि गैस की समस्या का एक मुख्य कारण अपच भी है। हालांकि, गुलाब के बाकी प्रकार इस समस्या को ठीक करने में कितने कारगर होंगे, इस पर और शोध की आवश्यकता है।

पसीने
से राहत

गर्मी में ज्यादा पसीना निकलने की वजह से कमजोरी और थकान महसूस होती है। तो गुलकंद के सेवन से एक्सेसिव स्वेटिंग की प्रॉब्लम नहीं होती और थकान भी नहीं होती।

वजन
घटाने के लिए

गुलकंद के औषधीय गुण को देखते हुए वजन घटाने के लिए गुलकंद का सेवन किया जा सकता है। गुलकंद को तैयार करने के लिए गुलाब की पत्तियों का उपयोग किया जाता है, जिनमें फैट नहीं होता। इसलिए, लो-फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन वजन घटाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, वजन घटाने के लिए गुलकंद कितना कारगर हो सकता है, इस पर और शोध की आवश्यकता है।

मुंह
के छालों के लिए

मुंह के छालों से आप कभी न कभी जरूर परेशान हुए होंगे। इस समस्या में भी गुलकंद के फायदे देखे जा सकते हैं। गुलकंद में विटामिन-बी समूह की मात्रा पाई जाती है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी से मुंह में छाले हो सकते हैं। इसे ठीक करने के लिए विटामिन-बी की पूर्ति फायदेमंद साबित हो सकती है। विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी के अलावा अन्य स्थितियों में गुलकुंद किस प्रकार छालों के लिए कारगर हो सकता है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

थकान
और मानसिक तनाव में लाभदायक

गुलकंद के फायदे थकान और तनाव को कम करने में भी फायदेमंद हो सकते हैं। दरअसल, गुलकंद एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट और शरीर को ऊर्जावान बनाने के रूप में कार्य करता है। यह तंत्रिका तंत्र को शांत रहने में मदद करता है और तनाव दूर करता है। इसके अलावा, गुलकंद का ठंडा प्रभाव थकान दूर करने में भी मददगार साबित हो सकता है।

हृदय
स्वास्थ्य के लिए

हृदय स्वास्थ्य के लिए भी गुलकंद के फायदे देखे जा सकते हैं। गुलाब की पत्तियों से बने गुलकंद में मैग्नीशियम पाया जाता है। मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर और ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर सकता है। साथ ही यह हृदय को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद कर सकता है, जिससे हमारे हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

कब्ज


अगर आप कब्ज की समस्या से निजात पाना चाहते हैं, तो गुलकंद का सेवन इसके उपचार में आपकी मदद कर सकता है। गुलाब की पत्तियों से बने गुलकंद में मैग्नीशियम पाया जाता है। मैग्नीशियम का सेवन करके कब्ज की समस्या को दूर किया जा सकता है, क्योंकि यह लैक्सेटिव प्रभाव को प्रदर्शित करता है।

याददाश्त
के लिए

याददाश्त बढ़ाने के लिए भी गुलकंद का इस्तेमाल फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, गुलकंद में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर यह बताया गया है कि एंटी-ऑक्सीडेंट गुण सीखने और याददाश्त क्षमता को बेहतर बनाए रखने के लिए सकारात्मक असर दिखा सकता है।


त्वचा

ऐसा माना जाता है कि गुलकंद का सेवन त्वचा संबंधी कई समस्याओं जैसे मुंहासों और व्हाइटहेड्स से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। हालांकि, इस तथ्य की पुष्टि के लिए ठोस प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इसलिए, त्वचा के लिए गुलकंद का इस्तेमाल करने से पहले एक बार त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श जरूर कर लें।

गुलकंद खाने से शरीर को होने वाले नुकसान


जब गुलकंद को बनाया जाता है तो इसमें किसी भी तरह के रसायन को प्रयोग में नहीं लाया जाता। इस वजह से इससे होने वाले नुकसान बिलकुल न के बराबर हैं। हालांकि, गुलकंद को बनाने में हम शुगर का प्रयोग करते हैं। इसलिए, ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से हमारे शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है और यह हृदय रोग से ग्रस्त लोगों के नुकसानदायक हो सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

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