सपनों की मंजिल अब नहीं मुश्किल

सपनों की मंजिल अब नहीं मुश्किल

कैरियर प्लानिंग का फैसला करने की दिमाग खपाऊ प्रक्रिया से कदम पीछे हटाएं और दूसरी चीजों के बारे में सोचें। मिसाल के तौर पर आप कैसे जानें कि कोई ड्रेस आप पर एकदम फिट बैठती है और आपको सूट भी करती है हम लोगों में से अधिकतर ने कभी न कभी खुद को शीशे में निहारते हुए कई घंटे बिताए होंगे, एक ड्रेस खरीदने के लिए कई दुकानों पर भटके होंगे और देखा होगा कि हम पर कौन-सा रंग खिलता है या कौन-सी ड्रेस फबेगी। हम कोशिश करते हैं कि वह ड्रेस न पहनें जो हमारे दोस्त पहनते हैं बल्कि कई तो उनसे अलग दिखने की कोशिश करते हैं, इतना प्रयास बस एक ड्रेस के लिए जिसे हम जीवन में कुल 20-30 बार पहनेंगे। लेकिन जब करियर चुनने का मौका आता है तो हम उसी को लपकने की मानसिकता रखते हैं जिसके पीछे सब भाग रहे होते हैं, उन्हीं संस्थानों में दाखिला चाहते हैं, जहां हमारे दोस्त जा रहे हैं। अपनी ताकत, कमजोरी, जुनून और रूचियों का विश्लेषण करने की जहमत नहीं उठाते। हम विश्लेषण करने की जहमत नहीं उठाते। हम विश्लेषण करने वाली मानसिकता रखना ही नहीं चाहते, अपनी अलग शख्सियत ही नहीं चाहते, और उस खास कैरियर तक पहुंचने से पहले कई जगह हाथ आजमाना चाहते हैं।