सर्दियों में दिल के मरीजों के लिए जोखिम दोगुना : चिकित्सक
नई दिल्ली। चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी के महीनों में दिल के दौरे पडऩे
के मामले बढ़ जाते हैं, खास तौर पर सुबह के समय क्योंकि उस वक्त रक्त
वाहिकाएं सिम्पेथेटिक ओवर एक्टिविटी के कारण संकुचित होती हैं और अगर
वातावरण में धुआं हो तो जोखिम दोगुना हो सकता है।
चिकित्सकों के
मुताबिक, सर्दियों में हवा की धीमी गति और आद्र्रता के स्तर में वृद्धि हो
जाती है। इस कारण से धुएं की स्थिति बिगडऩे लगती है, क्योंकि प्रदूषक तत्व
हवा में नीचे बने रहते हैं और इधर-उधर फैल नहीं पाते।
हार्ट केयर
फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, ‘‘सर्दियों के
शुरुआती दिनों के दौरान अधिक धुंध और स्मॉग आम है। सर्दियों में बारिश के
दौरान उच्च आद्र्रता होने पर तापमान में गिरावट आती है। जबकि, शुष्क या
जाती हुई सर्दियों में फॉग या स्मॉग गायब कम हो जाता है और ठंडी हवाएं भी
बंद हो जाती हैं।’’