मनमुटाव होने पर बातचीत बंद न करें और न अलग बिस्तर पर सोंये

मनमुटाव होने पर बातचीत बंद न करें और न अलग बिस्तर पर सोंये

अपने साथी के स्वभाव को बदलने का प्रयास न करें
दांपत्य जीवन में एक दूसरे से प्यार करने के साथ-साथ उसकी इज्जत करना भी बेहद जरूरी है। आपके साथी का स्वभाव अलग है या उसके कुछ फैसले आपको पसंद नहीं हैं तो उसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप अपने साथी के स्वभाव को बदलें। इससे यह संदेश जाता है कि आप अपने साथी से प्रेम नहीं करते हैं और आपको उनके साथ रहते हुए शर्मिंदगी होती है। इस तरह के हालातों में अपने साथी के स्वभाव को बदलने के बजाय उसे अपनी परेशानी के बारे में बताएं और एक दूसरे से बातचीत करें।

खुला रखें बीच का रास्ता
अगर आपकी अपने साथी के साथ मसलों पर सहमति नहीं होती है तो ऐसे में लड़ाई करने के बजाए कोई ऐसा रास्ता निकालें, जिससे आपका और आपके साथी की बात का मान रह जाए।

निजता का रखें ध्यान
हरके की अपनी पसंद अपनी इच्छा होती है। कभी-भी अपने साथी पर अपनी पसन्द या इच्छा थोपने का प्रयास न करें। यदि वह आपके किसी फैसले पर सहमत नहीं है तो उससे जिद्द करने के बजाय आप उसे थोड़ा सा समय और सोचने का मौका भी दें। हो सकता है कि ऐसा करने से आपका साथी आपकी बात पर सहमति प्रकट करे और अगर ना भी सहमत हो तो हो सकता है कि सोचने से कोई और रास्ता निकल जाए।

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