नहीं बोले ऐसे शब्द जो पति-पत्नी के रिश्ते में डालते हैं दरार, दूर तलक जाती है बात

नहीं बोले ऐसे शब्द जो पति-पत्नी के रिश्ते में डालते हैं दरार, दूर तलक जाती है बात

करती क्या हो दिनभर
कुछ दिन पहले की बात है। मैं घर से निकल ही रहा था कि अचानक से मेरे कानों में पुरुष स्वर सुनाई दिया, जो कह रहा था मेरे जाने के बाद तुम करती क्या हो दिनभर। अभी आवाज का तीखापन खत्म भी नहीं हुआ था कि महिला स्वर सुनाई दिया, एक दिन तुम घर को संभाल कर दिखाओ तो मान जाऊं। जिस दिन मायके चली गई तो नानी याद आ जाएगी। इन संवादों को सुनने के बाद समझ गया कि पति महोदय ने पत्नी को किसी बात का ताना देते हुए यह शब्द कहे हैं। घर का काम करना कोई आसान बात नहीं है। खाना, झाड़ू, पोछा, कपड़े आदि में महिलाओं का पूरा दिन बीत जाता है। ऊपर से बच्चों की हर चीज का ख्याल भी महिलाएँ ही रखती हैं। ऐसे में जब पुरुष शाम को घर लौटता है तो कई बार बेख्याली में वह यह प्रश्न कर बैठता है कि तुम दिनभर घर पर करती क्या हो? महिलाओं को ये बात तीर सी चुभती है क्योंकि बाहर के काम की घर के काम से तुलना हो ही नहीं सकती है।

दुनिया की समझ तो है नहीं
पुरुष जब परेशान होता है और ऐसे वक्त में जब महिला उन्हें कोई सुझाव देती है या देना चाहती है तो वह यह कहकर उसे चुप करा देता है कि तुमने दुनिया में देखा क्या है या फिर दुनिया की इतनी समझ नहीं है। यह बात महिलाओं को बुरी तरह से कचोट जाती है। यह सही है कि महिलाएँ ज्यादातर समय घर में व्यतीत करती हैं इसका मतलब यह नहीं है कि उनमें दुनिया की समझ नहीं हैं। वे पुरुषों के मुकाबले ज्यादा निर्णयपरक और परिस्थितियों के अनुकूल स्वयं को ढालने में सक्षम होती हैं।

मेरी समझ से परे हैं तुम्हारे परिवार वाले
जब पति पत्नी के परिवार का सम्मान न करता हो, बार-बार उसे ये कहता हो कि उसे पत्नी के मायके के लोग समझ नहीं आते तो पत्नी के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है क्योंकि पति का परिवार चाहे कैसा भी हो पत्नी उसे पूरे मन से स्वीकारती है इसलिए बदले में पत्नी को भी पति से उम्मीद होती है कि वह उसके परिवार वालों का मान रखे।
नोट—यह लेखक के अपने विचार हैं जरूरी नहीं कि आप इससे सहमत हों।

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