महाशिवरात्रि पर शिवजी को भूल कर भी ना करें ये चीजें अर्पित....
14 फरवरी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि का त्योहार शिवभक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है। शिवरात्रि पर शिव भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन व्रत रखते है और पूरी भक्तिभाव से शिवजी की पूजा और आराधना करते हैं। लेकिन भूलवश शिव जी को प्रसन्न के लिए ऐसी कुछ गलतियां कर देते हैं जिससे उनकी पूजा पूरी नहीं हो पाती है। शास्त्रों में कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जिससे भगवान शिव की पूजा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
-भगवान शिव को
सफेद फूल
बहुत पसंद
होता है
लेकिन
केतकी का
फूल सफेद
होने के
बावजूद भोलेनाथ की पूजा
में नहीं
चढ़ाना चाहिए। शिव पुराण के अनुसार केतकी के
फूल ने
झूठ बोला
था जसिसे शिव जी
ने इन्हें पूजा से
वर्जति कर
दिया।
-वैसे तो
हिन्दू धर्म
में शंख
से देवी-देवताओं को
जल देने
की परंपरा है लेकिन भगवान शिव की पूजा करते
समय शंख
से जल
अर्पित नहीं
करना चाहिए। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव ने
शंखचूर नाम
के असुर
का वध
किया था
इसलिए शंख
शिवजी की
पूजा में
वर्जति माना जाता
है ।
-भगवान शिव की
पूजा में
तुलसी का
प्रयोग वर्जति माना
गया है।
भगवान शिव ने
देवी वृंदा के पति
जलंधर का
वध किया था।
देवी वृंदा ही तुलसी के रूप
में अवतरति हुई
थी जिसे भगवान विष्णु
ने देवी
लक्ष्मी के
समान स्थान दिया
है इसलिए शिवजी
की पूजा
में तुलसी को वर्जति माना जाता
है।
-शिव की
पूजा में
तिल नहीं
चढ़ाया जाता
है। तिल
भगवान विष्णु के मैल से
उत्पन्न हुआ
माना जाता
है इसलिए भगवान विष्णु
को तिल अर्पति किया जाता
है लेकिन
शिव जी
को नहीं
चढ़ता है।
-भगवान शिव
की पूजा
में भूलकर भी टूटे
हुए चावल
नहीं चढ़ाया जाना चाहिए। अक्षत का मतलब
होता है
अटूट चावल, यह पूर्णता का
प्रतीक है।
इसलिए शिव जी
को अक्षत चढ़ाते समय
यह देख
लें कि चावल
टूटे हुए
तो नहीं
है।
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