सामान्य न समझें खाँसी को, लगातार रहने वाली खाँसी से शुरू होता है फेफड़ों का कैंसर
हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जिसे जानने के बाद मुझे बीते कई दिनों
से नींद नहीं आ पाई। मेरा एक खास मित्र पिछले दिनों सामान्य सी खाँसी के
चलते दुनिया छोड़ गया। उसके घरवालों का कहना था कि उसे बीते कुछ माह से
खाँसी थी, जिसे हम लोगों ने सामान्य खाँसी समझ कर उसका इलाज किया। खांसी ने
जब अपना विकराल रूप दिखाना शुरू किया तब उसके चिकित्सकों द्वारा बताए गए
टेस्ट कराए जिनमें पता चला कि उसे फेफड़ों का कैंसर था, जिसके चलते वह हम
सब को छोड़ गया। उसकी इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण उसकी सिगरेट पीने की लत
थी। वह दिन भर कम से कम दो पैकेट सिगरेट के पीता था।
बीते सालों में फेफड़ों के कैंसर के मामले काफी बढ़ गए हैं। खासकर ग्रामीण
क्षेत्रों की बजाय शहरों में यह बीमारी काफी फैल रही है। आमतौर पर फेफड़ों
के कैंसर की बीमारी के मामले भी इसलिए बढ़ जाते हैं क्योंकि इस बीमारी के
बारे में लोगों में जानकारी का अभाव है। वहीं, फेफड़ों के कैंसर के
ज्यादातर मामलों में तब तक कोई लक्षण नहीं दिखते, जब तक यह बीमारी पूरी तरह
से शरीर में फैल नहीं जाती। ऐसे में इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि अगर
आप स्मोकिंग करते हैं, तो आपको अपने फेफड़ों का खास ख्याल रखना चाहिए।
खांसी
आपके श्वसन तंत्र यानी रेस्पिरेटरी सिस्टम के बारे में बहुत कुछ बताती है।
जब भी आपकी सांस लेने की नली में रोगाणु और हानिकारक वस्तुएं फंस जाती
हैं, तो खांसी आपके शरीर की पहली प्रतिक्रिया होती है। फेफड़ों के कैंसर के
मामले में भी, खांसी स्थिति की पहचान करने के लिए सबसे पहला और सबसे
महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। जब खांसी छोटी-छोटी समस्याओं के कारण होती
है, तो कुछ दिनों के बाद यह अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन अगर खांसी काफी
समय तक टिकी रहती है, यह किसी गंभीर बीमारी की ओर इशारा करती है। जब खांसी
हफ्तों या महीनों तक बनी रहती है तो यह फेफड़ों के कैंसर के कारण हो सकता
है।
फेफड़ों के कैंसर में खांसी के साथ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे
खूनी या सफेद रंग से कुछ अलग बलगम या कफ, सांस लेने में तकलीफ, सीने में
दर्द और ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसे संक्रमण जो बार-बार होते हैं या दूर
नहीं होते। ऐसे में अगर आप ज्यादातर समय खांसी की समस्या से जूझते हैं या
लंबे समय से खांसी में कोई बदलाव आया है, तो यह आपके फेफड़ों में कैंसर
कोशिकाओं के बढऩे का भी संकेत हो सकता है। फेफड़ों के कैंसर से पीडि़त होने
पर आपकी खाँसी अलग लगने लगती है या खाँसते या बोलते समय आपको दर्द हो सकता
है।
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