इश्क का खुमार बनाएं बीमार...
जब पति अपनी प्रेमिाका की खातिर पत्नी से दूर होने का फैसला मन ही मन कर लेता है तब इश्क का रोग गम्भीर रूप ले लेता हे। पति तलाक लेने का इच्छुक बन जाएगा या फर मानसिक व भावनात्मक स्तर पर कैसा भी सम्बन्ध पत्नी के साथ कायम रखने में उसकी दिलचस्पी नहीं होगी। इस स्थिति में रोनेधोने, झगडने और शिकायतें करनेसे मामला दब तो सकता है, पर सुलझेगा नहीं। अपने दांपत्य सम्बन्धों पर गम्भीर दृष्टि डालें और अपनी कमियों को पकडने पर ज्यादा ध्यान दें मौखिक संवाद से ही नहीं, बल्कि एक्शन के स्तर पर भी समस्या समाधान के लिए ठोस कदम उठाएं। दूसरी औरत से उन्हें दूर करने को शोरशराबा मचाने से ज्यादा खुद को उनके दिल के करीब लाने वाले प्रयास करना ज्यादा जरूरी हैं। अपने कर्तव्यों को निभाते हुए अधिकारों की मांग करें।