इश्क का खुमार बनाए बीमार,बहुत बीमार...

इश्क का खुमार बनाए बीमार,बहुत बीमार...

किसी भी महिला के पति को इश्क का रोग लग जाना कोई छोटी-मोटी आम घटना नहीं, इस रोग का गम्भीर रूप उन के बीच तलाक तक का कारण बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि पत्नी इस रोग के लक्षणों को तभी पहचाने जब उसे के पति के कदम ताजाताजा भटकने आरम्भ ही हुए हों। पत्नी उस दूसरी औरत से अगर परिचित ना हो, तब तो लक्षण ही उसे चेता सकेंगे। दूसरी महिला से प्रेम का चक्कर चलाने को उत्सुक पति का व्यवहार बदले बिना नहीं रह सकता। उसके ऊपर मानसिक व भावनात्मक दबाव बहुत ज्यादा रहता है। वह अपनी पार्टनर को धोखा देने की रहा पर कदम बढा रहा है। उसे कभी नए रोमांस की उत्तेजना पकडेगी, तो कभी पत्नी को छलने का अपराधबोध। वह इस अफेयर को छिपा कर रखना चाहता है। उसे अपनी बदनामी का डर सताता है। दो नावों की सवारी करने की टेंशन, चिढ और गुस्सा उसे पकडते हैं। उसे प्रेमिका का नजरों में अपनी छवि सुधारनी है, उससे मिलने का वक्त निकालना बडी समस्या बन जाती है। पतिदेव की आयसीमित हो तो आर्थिक कठिनाइयां तंग करेंगी क्योंकि इश्क लडाना खर्चीला सौदा है।