कोविड-19 रोगियों में किडनी खराब होने का जोखिम ज्यादा
न्यूयॉर्क। कोविड-19 संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों में किडनी
खराब होने या डैमेज होने का खतरा बढ़ सकता है। ये बात एक शोध में सामने
आई है। शोध का निष्कर्ष जर्नल ऑफ द अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी में
प्रकाशित हुआ है। इसके मुताबिक, कोविड-19 रोगियों में घुलनशील यूरोकैकेन
रिसेप्टर का स्तर बढ़ता है, जो एक प्रतिरक्षा पैदा करने वाला प्रोटीन है और
किडनी के डैमेज होने का कारण बनता है।
अमेरिका में मिशिगन
विश्वविद्यालय के शोध लेखक जोचन रेसर ने कहा, यह रिसेप्टर एक ऐसा कारक है,
जो हजारों रोगियों के किडनी को डैमेज करने का कारण बनता है। एचआईवी और
सार्स-कोव-2 (कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस) जैसे आरएनए वायरस के कारण
खून में इस रिसेप्टर का स्तर बढ़ने लगता है। यदि यह प्रक्रिया
हाइपरइन्फ्लेमेटरी होती है, तो किडनी की कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है।
उनकी
स्टडी के निष्कर्ष बताते हैं कि कोविड-19 के एक तिहाई से अधिक रोगियों को
डायलिसिस की जरूरत होती है और उनमें मृत्यु का जोखिम भी बहुत अधिक होता है।
रिसर्च
टीम ने 352 प्रतिभागियों के इस रिसेप्टर के स्तर का परीक्षण किया, जिन्हें
कोविड-19 संक्रमण के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इनमें से एक
चौथाई रोगियों की किडनी तेजी से डैमेज हुईं। ऐसे में रिसेप्टर के ऊंचे स्तर
ने रोगियों में डायलिसिस की जरूरत को 20 गुना बढ़ा दिया था।
कुल
मिलाकर, अस्पताल में भर्ती गंभीर कोविड-19 रोगियों में रिसेप्टर का स्तर
औसत दर्जे के स्वस्थ लोगों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक था।
शोधकर्ताओं
ने कहा, निश्चित रूप से अस्पताल में भर्ती ऐसे मरीजों में रिसेप्टर का
स्तर एक अहम जोखिम है, जो मरीज के किडनी डैमेज से सीधा जुड़ा है।
(आईएएनएस)
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