गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम बढ़ जाते हैं : शोध

गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम बढ़ जाते हैं : शोध

सैन फ्रांसिस्को । कोविड-19 संक्रमण वाली गर्भवती महिलाओं की मौत का खतरा सात गुना अधिक होता है और गहन देखभाल इकाई में भर्ती होने या निमोनिया से पीड़ित होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। एक नए शोध में यह पता चला है। बीएमजे ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 से खतरा बढ़ जाता है और नवजात शिशु को इंटेंसिव केयर में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है।

शोधपत्र की प्रमुख लेखिका और अमेरिका स्थित जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में वैश्विक स्वास्थ्य की सहायक प्रोफेसर एमिली आर. स्मिथ ने कहा, यह अध्ययन अब तक का सबसे व्यापक साक्ष्य देता है कि गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 एक बड़ा खतरा है।

उन्होंने कहा, हमारे निष्कर्ष प्रसव उम्र की सभी महिलाओं के लिए कोविड-19 टीकाकरण के महत्व को रेखांकित करते हैं।

इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने पाया कि असंक्रमित गर्भवती महिलाओं की तुलना में कोविड-19 संक्रमण वाली गर्भवती महिलाओं में गहन देखभाल इकाई में भर्ती होने का जोखिम तीन गुना अधिक था।

कोविड-19 से पीड़ित जिन लोगों को आईसीयू देखभाल की जरूरत होती है, उनके मरने की आशंका भी अधिक रहती है।

अध्ययन से पता चलता है कि कोविड-19 सांस लेने की क्षमता को क्षीण कर सकता है और गंभीर मामलों में, रोगियों को जीवित रहने के लिए यांत्रिक वेंटिलेशन की जरूरत होती है।

निमोनिया विकसित होने का लगभग 23 गुना अधिक जोखिम रहता है, जो कोविड-19 की संभावित जीवन-घातक जटिलता है और थ्रोम्बोम्बोलिक रोग (रक्त के थक्के) का 5 गुना अधिक जोखिम रहता है जो दर्द, सूजन और अन्य परेशानियों का कारण बन सकता है।

स्मिथ बताते हैं कि बहुत गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों के बावजूद 80 से अधिक देश अभी भी यह अनुशंसा नहीं करते कि सभी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कोविड वैक्सीन लेना चाहिए।

--आईएएनएस

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