आईआईटी-कानपुर के फैशनेबल मास्क रोकेंगे कोरोना

आईआईटी-कानपुर के फैशनेबल मास्क रोकेंगे कोरोना

कानपुर। कोरोनाकाल में मास्क जान बचाने का जरिया बन गया है, इसलिए आईआईटी-कानपुर ने लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रकार के फैशनेबल डिजाइनर मास्क तैयार किए हैं, जो कोराना संक्रमण रोकने में काफी कारगर साबित होंगे।

इस मास्क को आईआईटी-कानपुर में इनक्यूबेटेड कंपनी ई-स्पिन ने बनाया था। ई-स्पिन के निदेशक डॉ. संदीप पाटिल ने आईएएनएस को बताया, मास्क की यह किस्म पूरी तरह से देसी है। पहले लांच किए गए सफेद-काले मास्क के अलावा हमने एन95 का डिजाइनर कलरफुल मल्टीफैशन को जोड़ा है। इसे जल्द लांच किया जाएगा।

उन्होंने कहा, यह मास्क बाजार में मौजूद अन्य मास्क से पूरी तरह अलग है, मगर हमारे यहां से पहले लांच किए गए मास्कों जैसा ही है। लोगों को ब्लैक एंड व्हाइट ज्यादा पंसद नहीं आता है। इसलिए हमने अलग-अलग रंगों का बनाया है। इसके टॉप लेयर को रंगीन बनाया गया है। इसमें सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया गया है।

डॉ. पाटिल ने कहा, इसकी विजिबिलिटी, फिल्टरेशन और क्षमता अन्य मास्कों की तुलना में हमारे बनाए मास्क बेहतर हैं। इस मास्क से बैक्टीरिया और वायरस के हमले से आप सुरक्षित रह सकते हैं। यह पहला ऐसा मास्क है, जो नील्सन द्वारा सर्टिफाइड है। ये मास्क 300 नैनोमीटर पार्टिकल को रोकने में सक्षम है। इसकी कीमत काफी कम रखी गई है। यह अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में लोगों को आसानी से प्राप्त होने लगेगा।

उन्होंने बताया, हमारे मास्क का उपयोग प्रधानमंत्री ने 5 अगस्त को अयोध्या के भूमि-पूजन के दौरान किया था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमाम राज्यों की राजनीतिक हस्तियां इसका प्रयोग कर रही हैं। इसके अलावा बॉलीवुड में अभिनेत्री कंगना रनौत, रजनीकांत, प्रभाष कुमार, चिरंजीवी, समेत कई हस्तियां भी इसका उपयोग कर रही हैं।

ई-स्पिन के निदेशक नितिन चराठे ने बताया कि यह मास्क वायरस, बैक्टीरिया, धुआं, धूल आदि से पूरी तरह से सुरक्षित रखता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और बाजार में ये मास्क श्वासा नाम से उपलब्ध हैं। ये मास्क कंपनी की वेबसाइट के साथ-साथ कई प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। हमारे यहां श्वासा द्वारा ब्लैक एंड व्हाइट रेग्युलर, एक्टिवेटेड कार्बन मास्क और अब फैशनेबुल मास्क का निर्माण हो रहा है।

उन्होंने कहा, हमारे यहां मास्क बनना 2018 में ही शुरू हुआ था। उस दौरान इसका उपयोग अस्पतालों में अधिक होता था। कंपनी एन95 श्वासा मास्क का निर्माण कर रही है। यहां प्रतिदिन 25 हजार मास्क बनाए जाते हैं। इस पहल का उद्देश्य महामारी से लड़ने के लिए देश के सामूहिक प्रयास में योगदान करना है।
 (आईएएनएस)

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