कम्पनियों में भी लडकियों को दी जाती है तवज्जो
बहुत पहले एक फिल्म आई थी (तपस्या )जिसमें राखी ने घर की बडी लडकी का रोल किया था। उसी पर घर की सारी जिम्मेदारी आन पडी थी जिसे उसने भाई-बहनों के लिए पिता का कत्तüव्य निभाते हुए पूरी की। स्वयं शादी न कर छोटे भाई-बहनों को सैटल करने में ही उसने अपनी जवानी होम कर दी। इसी प्रकार हमारे यहां हजारों लडकियां ऎसी तपस्या करते हुए अपना सम्पूर्ण जीवन होम कर देती हैं। उनके लिए नौकरी उनका शौक नहीं, बल्कि मजबूरी होती है।