दीवारों को सजाएं,सही पेंट चुनें

दीवारों को सजाएं,सही पेंट चुनें

पेंट का चुनाव कैसे करें
पेंट करने से पहले पेंट का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि पेट सिर्फ घर के अंदर की दीवारों में ही नहीं बल्कि घर के बाहर की दीवारो पर भी किया जाता है इसलिए इसका चुनाव करते समय सजग रहें।
डाई डिस्टेंपर: यह अधिकतर ब्राइट शेड्स में मिलता है और इसकी कीमत थोडी ज्यादा होती है। ऑयल बाउंड डिस्टेंपर : यह 2-3 साल तक खराब नहीं होता है। इसे घर के बाहर नहीं बल्कि अंदर की दीवारों पर करवाना चाहिए क्योंकि यह उसी के लिए उपयुक्त रहता है।
प्लास्टिक इमल्सन : यह पेंट बहुत जल्दी सूखते हैं और इन पर धब्बे भी आसानी से नहीं पडते। मगर इस पेंट को करने में थोडी अतिरिक्त कला की जरूरत होती है इसलिए किसी अच्छे पेंटर से ही करवाएं।
एक्रिलिक इमल्सन : दूसरे वॉलपेंट की अपेक्षा अधिक पापुलर है। यह ग्लॉसी, सेमी ग्लॉसी और मैट फिनिश के सैंकडों शेड्स में उपलब्ध है।
सीमेंट बेस्ड पेंट : यह सिर्फ घर की बाहरी दीवारों के लिए उपयुक्त रहता है।
टेक्स्चर पेंट्स : दीवारों में खूबसूरत आकृति उभारने के लिए टेक्सचर पेंट का उपयोग किया जाता है। आम रंगों से अलग इस पेंट को लगाने की प्रक्रिया भी अलग है। इसके लिए कंपनियों से ट्रेनी कर्मचारियों को लोगों के घर भेजा जाता है। तीन प्रक्रिया से गुजरने के बाद इसका काम खत्म होता है। इस तकनीक से घर की खूबसूरती मल्टीस्टार होटलों के कमरों जैसी हो जाती है। यह घर के अंदर और बाहर दोनों तरह की दीवारों के लिए अच्छा रहता है। यह कई तरह के खूबसूरत शेड्स और टेक्सचर में मिलता है।
सिंथेटिक इनेमल्स
ये दो तरह के होते हैं। जनरल पर्पज और सुपर सिंथेटिक इनेमल। जनरल पर्पज इनेमल खिडकी दरवाजों व स्टील के फर्नीचर के साथ-साथ दीवारों के लिए भी प्रयोग में आता है पर सुपर सिंथेटिक इनेमल मुख्य रूप से लकडी और धातु के लिए प्रयुक्त होता है।
वेदरसील सरफेस पेंट : घरों के बाहर लगाने वाला ये पेंट तापमान को 5 डिग्री कम करने की क्षमता रखता है। वेदरसील पेंट वेलवेट टच, थ्री-इन-वन और डयूलक्स सुपर स्मूथ श्रेणी में उपलब्ध होता है।
वाटर प्रूफ पेंट : वाटर पू्रफ पेंट "एस" में रंगों को बरसों सहेजने की क्वालिटी है।

प्लास्टिक शाइन रॉयल और लग्जरी इमल्शन पेंट : प्लास्टिक शाइन रॉयल और लग्जरी इमल्शन पेंट की खूबसूरती रात को निखरती है। घर की बाहरी दीवारों पर लगने वाला ये पेंट प्रकाश किरणों से परावर्तित होने के बाद चमकता है।
हाइजीनिक पेंट : घर की दीवारों का हाइजीनिक होना जरूरी है क्योंकि दीवारों पर मौजूद केमिकल, डस्ट और बैक्टीरिया हमें कई तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं। साधारण पेंट्स में फिनोल और फार्मल्डिहाइड जैसे केमिकल होते हैं जिनसे कैंसर होने की संभावना होती है। साधारण पेंट में मौजूद केमिकल हवा में घुलकर बच्चों में अस्थमा पैदा कर सकता है। यही नहीं खुजली, फेंफडों की तकलीफ, आंखें और त्वचा में एलिर्जिक रिएक्शन भी नॉनहाइजीनिक पेंट के असर से हो सकता है। बाजार में ऎसे बहुत से पेंट उपलब्ध हैं जो नॉनटोक्सिक एलिमेंट से बने होते हैं। ये पेंट हाइजीनिक होने के साथ ही इको फ्रेंडली भी होते हैं। ये जीरो वॉलेटाइल ओरगेनिक कंपाउंड्स यानी हवा में घुलने व कैमिकल रहित होने के साथ ही नॉन टोक्सिक होते हैं।
ये गंधरहित पेंट फायदेमंद भी हैं क्योंकि ये महज 250 केमिकलों से तैयार किए जाते हैं जिनमें से 98 प्रतिशत प्राकृतिक होते हैं। नॉन ईको-फ्रेंडली या परंपरागत पेंट्स में मौजूद वीओसी यानी वॉलेटाइल ऑरगेनिक कंपाउंड्स हवा में घुलने वाले केमिकल गैस के रूप में होते हैं जो ठोस होने के साथ ही लिक्विड भी हो सकते हैं। वीओसी मे कई तरह के केमिकल मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। यह पेंट आम पेंट की तरह दीवारों पर 2-3 साल नहीं बल्कि 7-8 सालों तक टिका रहता है। सेंटर फार एनर्जी रिसर्च एंड स्टडीज ने भी इमल्शंस कंपनियों को आदेश जारी कर दिया है कि पेंट में क्रोमियम, लेड, मर्करी की मात्रा न रहे।
इस आदेश के पारित होने के बाद से ही कंपनियों ने इकोफ्रेंडली पेंट्स निर्माण की प्रक्रिया तेज कर दी थी। अब लोगों के पास कई ऑप्शन हैं। हाइजीनिक पेंट कैसे-कैसे पेंट का चुनाव करने के साथ उनका हाइजीनिक होना भी जरूरी होता है, इसलिए ये भी जानें कि कौन-कौन से पेंट हाइजीनिक पेंट होते हैं।
क्ले पेंट : क्ले पेंट को धरती से मिलने वाले मिनरल्स से बनाया जाता है। यह एक प्राकृतिक पेंट है जिसका घोल ज्यादातर पानी से ही तैयार किया जाता है। अपने घर को ईको फें्रडली और हाइजीनिक बनाने के लिए क्ले पेंट एक अच्छा ऑप्शन है।
लाइमवाश : लाइमवाश को कैल्शियम बेस्ड मिनरल्स से बनाया जाता है। लाइमवाश पेंट अंदर और बाहर दोनों जगह इस्तेमाल किया जा सकता है, यह लकडी, ब्रिक, प्लास्टर या कंक्रीट सभी पर अच्छा रहता है।
मिल्क पेंट : क्ले पेंट और लाइम पेंट में जहां आपको मिनरल्स मिलते हैं वहीं मिल्क पेंट प्रोटीन बेस्ड होता है। मिल्क पेंट को आप महज इनडोर के लिए इस्तेमाल में ला सकते हैं। हर रंग कुछ कहता है घर में पेट करवाने से पहले ये तय कर लें कि आप अपने घर को किस तरह का लुक देना चाहते हैं। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि घर का आकार और बनावट किस तरह की है क्योंकि रंगों से ही आप छोटे से घर को भी बडा लुक दे सकते हैं। आमतौर पर रंगों को दो भागों में बांट सकते हैं।
एक तरफ ऎसे रंग जो उत्साह, खुशी और ताकत का अहसास कराते हैं। इन रंगों में लाल, नारंगी और पीला रंग आता है। इन रंगों की खासियत ये होती है कि ये बडी जगह के प्रभाव को कम करते हैं और बडी जगह को भी अपने अनुकूल महसूस कराते हैं और दूसरी तरफ ऎसे रंग जो सुकून, शांति और प्रकृति के करीब होने का अहसास कराते हैं। इन रंगों में नीला, हरा, सफेद और क्रीम कलर शामिल है। वैसे कमरे में रंग का चुनाव इस बात पर निर्भर करता है कि कमरे का साइज कैसा है, कमरे में प्रकाश की कैसी व्यवस्था है।